जयपुर. Krishna Janmashtami 2023: भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर बुधवार से दो दिवसीय जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। पर्व के मद्देनजर शहर के कृष्ण मंदिरों में सजावट सहित अन्य तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। ज्योतिषविदों के मुताबिक शहर स्थापना के समय से राजधानी जयपुर में गोविंददेव जी मंदिर के हिसाब से पर्व मनाने की परंपरा है। चूंकि गोविंददेव जी मंदिर शहर के आराध्य देव हैं। मथुरा-वृंदावन में भी पर्व कल मनाया जाएगा। हवाई गर्जनाओं के बीच मध्य रात्रि में कान्हा प्रगटेंगे। वहीं, जन्माष्टमी का सरकारी अवकाश भी गुरुवार को ही रहेगा।
उधर, शहर आराध्य गोङ्क्षवद देव जी मंदिर में मंगलवार को तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। तेज गर्मी से बचाव के लिए मंदिर में कारपेट बिछाया गया है और शेड की व्यवस्था की गई है। वहीं, विभिन्न संकीर्तन मंडलों ने सत्संग और भजन-कीर्तन की प्रस्तुति दी। कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए।
जन्माष्टमी : तड़के से रात तक नौ झांकियां
दर्शनों के लिए नहीं करना होगा अधिक इंतजारमंदिर प्रबंधन ने जन्माष्टमी पर झांकियों के समय में बदलाव किया है। कई झांकियों के बीच लंबा अंतराल खत्म कर दिया है। तड़के (सुबह 4:30 बजे) से रात 12:30 बजे तक तक नौ झांकियां होंगी। इनमें अगले दिन की मंगला झांकी को भी शामिल किया है।
ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि अष्टमी तिथि बुधवार दोपहर 3:37 बजे से गुरुवार शाम 4:14 बजे तक रहेगी। बुधवार को मध्यरात्रि के समय भगवान के जन्म के समय का रवियोग अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, सर्वार्थसिद्धि, वृष का चंद्रमा, वृषभ लग्न और बुधवार का संयोग रहेगा। हालांकि इस दिन सूर्योदय के समय नहीं रहने से पर्व गुुरुवार को मनाया जाएगा। गुरुवार को रोहिणी नक्षत्र, अष्टमी तिथि का संयोग केवल दोपहर तक रहेगा। यानि उदियात में तिथि रहने से पर्व मनेगा।
ज्योतिर्विद पं.घनश्याम लाल स्वर्णकार ने बताया कि विभिन्न पंचांगों के अनुसार एकादशी या जन्माष्टमी जैसे व्रत-त्योहार स्मार्त जन के लिए एक दिन पहले और वैष्णव जन द्वारा दूसरे दिन मनाए जाने की मान्यता है।
दोपहर में प्रगटेंगे कान्हा
नाहरगढ़ पहाड़ी स्थित चरण मंदिर में कल दोपहर 12:00 बजे मंदिर महंत सुरेश कुमार पारीक के सानिध्य में भगवान कृष्ण के चरण चिन्ह का वैदिक मंत्रोच्चार से पंचामृत अभिषेक होगा। 21000 लड़ू का भोग लगाकर लड्डू की मनोरम झांकी सजाई जाएगी। कपिल पारीक ने बताया कि भक्तों में पंचामृत, पंजीरी का प्रसाद वितरित किया जाएगा।
इधर चौड़ा रास्ता स्थित राधादामोदर जी मंदिर में कृष्ण का बालस्वरूप होने से दोपहर 12 बजे महंत मलय गोस्वामी के सान्निध्य में कान्हा प्रगटेंगेे। इस मौके पर पंचामृत अभिषेक और बधाईगान होगा।
रोजाना सजेगी झांकियां
बनीपार्क स्थित मंदिर राधा दामोदर जी में कल कृष्ण जन्मोत्सव और श्रीजी का अभिषेक होगा। सिद्धार्थ झालानी ने बताया कि गुरुवार शाम सात बजे भजनामृत सत्संग कार्यक्रम होगा। रात आठ बजे से 10:30 बजे तक पंचामृत द्वारा श्रीजी का भी अभिषेक, श्रृंगार करके अर्धरात्रि 12 बजे कृष्ण जन्मोत्सव और कृष्ण जन्म आरती होगी। आठ सितंबर को नंदोत्सव और छप्पन भोग दर्शन होंगे।
जौहरियों ने दिए रत्न
जगतपुरा हरे कृष्ण मार्ग स्थित कृष्ण बलराम मंदिर में 108 कलशों के नारियल पानी एवं पंचामृत से महाअभिषेक होगा। मंदिर अध्यक्ष अमितासन दास ने बताया कि वृंदावन से विशेष प्रकार के चमकीले रेश्मी वस्त्र आभूषणों से युक्त पोशाकों में नवरत्न एवं हीरो की जड़ाई चार चांद लगा देगी। जयपुर के विशेष जौहरियों द्वारा विदेश से मंगवाए गए नवरत्न एवं हीरे जयपुर में ही पोशाकों में जड़े गए हैं। तिरुपति बालाजी की तर्ज पर कृष्ण एवं बलराम महाहार पहनेंगे। सुबह 6:30 बजे से रात तक चार बार अभिषेक होंगे। दर्शन की सुविधा के लिए पांच स्थानों पर दर्शन की व्यवस्था की गई है।
लाखों रुपए की कीमती पोशाक
मानसरोवर धौलाई स्थित गिरिधारी दाऊजी इस्कॉन मंदिर में भगवान गोल्डन लाल रंग की पोशाक धारण करवाई जाएगी। अध्यक्ष पंचरत्ना दास ने बताया कि राधा मदन मोहन, गिरधारी दाउजी, भगवान चैतन्य महाप्रभु, नित्यानंद महाप्रभु की साढ़े चार लाख रुपए पोशाक की कीमत है। इसमें सिल्क के कपडे के अलावा आभूषण, मुकुट की लागत भी शामिल है। बेंगलूरु, थाइलैंड सहित अन्य विदेशी फूल से भगवान का विशेष श्रृंगार होगा। तीन बार भगवान की पोशाक बदलेगी। भक्तों के लिए गर्मी से बचने के लिए नींबू पानी की व्यवस्था रहेगी। दर्शन सुबह 4.30 बजे मंगला आरती से शुरू होंगे।