जयपुर

Borewell Incident: 6 दिन से बोरवेल में अटकी है मासूम चेतना, अब 170 फीट गहराई पर टनल बनाने में जुटे जवान

Kotputli Borewell Incident: कोटपूतली में तीन साल की मासूम चेतना को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए प्रशासन के अलावा एनडीआएफ व एसडीआरएफ की टीमें 6 दिन से जुटी हुई है।

जयपुरDec 28, 2024 / 01:43 pm

Anil Prajapat

जयपुर। कोटपूतली में तीन साल की मासूम चेतना को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए प्रशासन के अलावा एनडीआएफ व एसडीआरएफ की टीमें 6 दिन से जुटी हुई है। अब टीम 170 फीट गहराई पर 10 फीट की हॉरिजेन्टल टनल बनाने में जुटी है। हालांकि, बारिश के कारण भी रेस्क्यू में देरी हुई है।
बता दें कि तीन साल की मासूम करीब 122 घंटे से भूखी-प्यासी है। इतना ही नहीं, चार दिन से कोई मूवमेंट नहीं कर रही है। बारिश के कारण शुक्रवार को रेस्क्यू कई बार रोका गया था। शनिवार सुबह एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु हुआ। पहले केसिंग में आखिरी लाइनर पाइप फिट किए गए। इसके बाद एनडीआरएफ के 2 जवान 170 फीट गहराई में उतरे, जो टनल बनाने में जुटे हुए है।
जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने कहा कि ये राजस्थान का सबसे मुश्किल ऑपरेशन है। 170 फीट की गहराई में 10 फीट की सुरंग खोदने के लिए 8 जवानों को तैयार किया गया है, जो बारी—बारी से दो-दो के बैच में गहराई में उतरकर खुदाई करेंगे। जवानों की सुरक्षा के लिए ऑक्सीजन भी पहुंचाई गई है।

बारिश के कारण रेस्क्यू में देरी

बारिश होने से मौके पर वाटर प्रूफ टेंट लगाया गया, लेकिन लगातार बारिश होने से यह कारगर नहीं रहा। बारिश शुरू होने से पहले दूसरे बोरवेल में केवल एक पाइप उतारना शेष रह गया था। उसके बाद टनल बनाने का कार्य शुरू होना था। लेकिन बारिश होने से दिनभर एक पाइप भी नीचे नहीं उतारा जा सका।

प्लान ए के साथ प्लान बी शुरू नहीं करने पर खड़े हो रहे सवाल

प्लान ए के बाद प्लान बी शुरू करने में देरी से भी अब सवाल खड़े होने लगे है। लोगों का कहना है कि यदि प्लान ए के साथ प्लान बी भी उसी समय शुरू कर देते तो बालिका को बाहर निकालने में समय नहीं लगता है।
6 दिन तक बालिका के बोरवेल से बाहर नहीं निकलने से परिजनों के अलावा आमजन में चिंताए बढ़ रही है। जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल व पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने मौके पर अभियान की प्रगति की जानकारी ली।
इससे पहले जिला कलक्टर ने सुबह बारिश के दौरान टैण्ट में बैठकर अभियान में आ रही बाधाओं व इनको दूर करने के उपायो पर अधिकारियों से चर्चा की। वहीं सांसद राव राजेंद्र सिंह व विधायक हंसराज पटेल ने भी मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया।

अब सुरंग खुदाई का काम शुरू

बोरवेल में 150 फीट के बाद पथरीली भूमि आने से कटाई में सुबह से शाम तक का समय लग गया था। पाइप डालने के 55 टन की क्षमता की हाइड्रोलिक मशीन मंगाई गई थी। लेकिन नीचे उतारे जाने वाले पाइप का वजन 55 टन से अधिक होने पर सौ टन की क्षमता की दूसरी मशीन मंगाई गई।
दूसरी मशीन ने पाइप डालने का कार्य शुरू किया। लेकिन एक पाइप बाकी रहने के दौरान बारिश आने से पाइप को जोड़ने के लिए किया जा रहा वैल्डिंग कार्य बाधित हो गया। हालांकि, शनिवार को यह काम पूरा होने के बाद अब सुरंग खुदाई का काम शुरू हो गया है। टनल बनाने के बाद टीम के सदस्य बालिका को बाहर निकाल कर लाएंगे।
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6 दिन से मौके पर ये अधिकारी

पिछले पांच दिन से एडीएम ओमप्रकाश सहारण, एएसपी वैभव शर्मा, एसडीएम बृजेश चौधरी, उप अधीक्षक राजेन्द्र बुरडक, तहसीलदार रामधन गुर्जर, नगर परिषद आयुक्त धमर्पाल जाट, सीएमएचओ डॉ. आशीष सिंह शेखावत, बीसीएमओ डॉ. पूरण चंद गुर्जर, कोटपूतली थानाप्रभारी राजेश शर्मा, पनियाला थाना प्रभारी मोहरसिंह व सरूण्ड थानाप्रभारी मोहम्मद इमरान बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।

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इनका कहना है…

बालिका को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सभी टीमें एकजुट होकर लगातार कार्य कर रही है। बारिश के कारण दूसरे बोरवेल में पाइप डालने का कार्य जरूर बाधित हुआ था। लेकिन अब बोरवेल में केसिंग का कार्य पूरा हो गया है। इसके बाद टनल बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा।
-कल्पना अग्रवाल, जिला कलक्टर कोटपूतली बहरोड़
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