जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने इसे राजस्थान का सबसे मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन बताया। उन्होंने कहा कि हम बच्ची तक पहुंचने के बेहद करीब हैं। हालांकि, चट्टान की कठोरता के कारण चुनौती बढ़ी है। हमारी टीम पूरी लगन से काम कर रही है और उम्मीद है कि आज रात तक चेतना को बाहर निकाल लिया जाएगा।
रेस्क्यू ऑपरेशन की अब तक की स्थिति
बताया जा रहा है कि टनल की खुदाई लगभग पूरी चुकी है। सोमवार सुबह तक NDRF और SDRF की टीम ने 7 फीट लंबी सुरंग की खुदाई कर ली थी। अब केवल 1.5 फीट मोटी कठोर चट्टान को ड्रिल करना बाकी है। चट्टान की कठोरता के कारण 1 घंटे में सिर्फ 2 से 4 इंच की ड्रिलिंग हो पा रही है, जिससे ऑपरेशन धीमा चल रहा है। गहराई में ऑक्सीजन की कमी और चट्टान के कारण हर डेढ़ घंटे में टीम को बदलना पड़ रहा है। यह भी पढ़ें