इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर शनिवार को राजस्थान के सभी जिलों में निजी अस्पताल, क्लीनिक, जांच केन्द्र बंद रखे गए। सरकारी मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार भी लगातार पांचवें दिन जारी रहा। सेवारत चिकित्सकों और मेडिकल टीचर्स भी कार्य बहिष्कार में शामिल हुए। प्रदेश में करीब 10 हजार चिकित्सकों ने पूरे दिन काम नहीं किया।
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जयपुर में नहीं हुए 1500 ऑपरेशन
सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस के धन्वंतरि आउटडोर में डॉक्टर्स के चैम्बर खाली मिले। वहीं, वार्डों में दो-चार मरीज ही नजर आए। वार्डों में भर्ती अधिकतर मरीजों को छुट्टी दे दी गई। जयपुर में अधिकांश निजी अस्पताल, क्लिनिक बंद रहे। शहर में करीब 1500 ऑपरेशन प्रभावित होने का अनुमान है। इसके अलावा हजारों जांचें नहीं हो पाईं। निजी क्षेत्र में कार्य बहिष्कार होने के कारण करीब 25 हजार आउटडोर मरीज प्रभावित हुए।दावाः सैकड़ों डॉक्टरों ने दी सेवा
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर व विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह ने कहा कि मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में 2600 चिकित्सक शिक्षकों, 500 चिकित्सा अधिकारियों, 9500 नर्सिंग कर्मियों व 650 जूनियर रेजिडेंट ने सेवाएं दीं।हड़ताल का प्रदेशभर में असर
जयपुरः एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में 700 प्लांड ऑपरेशन नहीं हुए।कोटाः 40 हजार मरीज प्रभावित।
सीकरः कल्याण अस्पताल में एक भी प्लांड ऑपरेशन नहीं।
भीलवाड़ाः मरीजों की संख्या में 98 प्रतिशत कम हो गई।
पालीः बांगड़ अस्पताल में ओपीडी 3000 से 1100 पर आ गई।
भरतपुरः 210 ऑपरेशन नहीं।
नागौर: 83 ऑपरेशन टल गए।
बाड़मेरः 90 ऑपरेशन नहीं हुए।
अलवरः ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में रोज 1500 से 1700 की ओपीडी रहती है, लेकिन करीब 200 मरीज ही आए।
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