आर्थिक ताकत के पैमाने यानि जिला घरेलू उत्पाद के मामले में जयपुर लगातार टॉप पर बना हुआ है और सबसे अधिक चार नए जिले भी यहां से ही बनाए गए हैं। आर्थिक रूप में तो जयपुर के बाद अलवर का नंबर है लेकिन राजनीतिक और शैक्षणिक रूप से आगे होने के कारण जोधपुर नए जिले में दूसरे नंबर पर रहा।
जोधपुर को तीन जिलों में बांटा गया है। अलवर जिले के भिवाड़ी का पहले से ही जिले के रूप में विकास हो रहा है, अब खैरथल को आर्थिक रूप से ताकतवर बनाने की तैयारी की जा रही है। इन तीन जिलों के बाद भीलवाड़ा आर्थिक ताकत के रूप में आगे बढ़ता जा रहा है और अब बाड़मेर ने भी बढ़त की ओर कदम बढ़ा दिए हैं, इन दोनों जिलों से भी एक-एक नए जिले बनाए गए हैं।
सामने आई राजस्थान में नए जिले बनाने की सबसे बड़ी वजह, क्या और जिले बनाए जाएंगे?
जनप्रतिनिधियों को मिला सम्मान
नए जिलों को लेकर उच्च स्तर से हिदायत है कि जनप्रतिनिधियों की मांग का सम्मान किया जाए। जिलों के गठन में विशेषज्ञों के साथ सांसद-विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद के सुझावों को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
ये टॉप 9 जिले जिनसे बने हैं 15 जिले
आर्थिक रूप से समृद्ध टॉप 9 जिले जयपुर, अलवर, बाड़मेर, जोधपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, उदयपुर, नागौर व गंगानगर से 15 जिले बनाए गए हैं।
इनमें से भी बने हैं नए जिले
सीकर, भरतपुर, जालोर व सवाईमाधोपुर जिले आर्थिक रूप से तो ज्यादा समृद्ध नहीं हैं, लेकिन इनमें से चार नए जिले बनाए गए हैं।
इधर दावा कमजोर
सुजानगढ़ क्षेत्र में सुजला नाम से जिला बनाने की मांग थी, लाड़नू के जनप्रतिनिधियों के डीडवाना के साथ जाने की सहमति जताने से सुजला का दावा कमजोर हो गया। इसी तरह जालोर से नजदीक होने के कारण भीनमाल का दावा भी कमजोर माना गया।
इसलिए दावा मजबूत
जिला बनने के लिए डीडवाना और कुचामन दोनों रेस में थे और दोनों ही पात्र थे। सरकार ने इन्हें संयुक्त जिला बनाने का निर्णय किया। इसका कारण यह भी माना जा रहा है कि यह आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है।
जीडीडीपी में टॉप 5 जिले और जीएसडीपी में उनकी भागीदारी
जिला 2011-12 2020-21
जयपुर 13.19% 12.87%
अलवर 8.12% 7.43%
जोधपुर 4.85% 4.96%
भीलवाड़ा 4.76% 4.44%
बाड़मेर 4.57% 5.87%
(आंकड़े 2021 में किए गए अध्ययन के अनुसार)