यहां पाएं चार तरह की एस्ट्रो विधाओं के टिप्स
1). अंकगणित
2). टैरो कार्ड
3). वैदिक ज्योतिष (सनसाइन-मूनसाइन)
4). वास्तु शास्त्र
यह कॉलम उन पाठकों के लिए है जो ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से भविष्य के पूर्वानुमानों में भी रुचि रखते हैं। भविष्य के पूर्वानुमान लगाने की लगभग सभी लोकप्रिय विधाओं को समाहित कर इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए यह देश में एक नए तरह की पहल है। जिसमें पाठक ना केवल दिन से जुड़ी सम्भावनाओं की जानकारी लें सकेगें साथ ही भविष्य से जुड़े प्रश्न भेज पूर्वानुमान प्राप्त कर सकेगें।
इस कॉलम में अंकगणित टैरो कार्ड, सनसाइन, वैदिक ज्योतिष एवं मून साइन के अनुसार ग्रह नक्षत्र के समग्र प्रभाव का पूर्वानुमान और संभावना पर लगातार जानकारियों को साझा करेंगे।
1). अंकगणित
2). टैरो कार्ड
3). वैदिक ज्योतिष (सनसाइन-मूनसाइन)
4). वास्तु शास्त्र
यह कॉलम उन पाठकों के लिए है जो ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से भविष्य के पूर्वानुमानों में भी रुचि रखते हैं। भविष्य के पूर्वानुमान लगाने की लगभग सभी लोकप्रिय विधाओं को समाहित कर इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए यह देश में एक नए तरह की पहल है। जिसमें पाठक ना केवल दिन से जुड़ी सम्भावनाओं की जानकारी लें सकेगें साथ ही भविष्य से जुड़े प्रश्न भेज पूर्वानुमान प्राप्त कर सकेगें।
इस कॉलम में अंकगणित टैरो कार्ड, सनसाइन, वैदिक ज्योतिष एवं मून साइन के अनुसार ग्रह नक्षत्र के समग्र प्रभाव का पूर्वानुमान और संभावना पर लगातार जानकारियों को साझा करेंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. मुकेश भारद्वाज अंकगणित के अनुसार आज का मूलांक तीन है। जो एक और दो के सहयोग से बना है। वहीं आज का भाग्य अंक साथ है जो एक और 6 के सहयोग से बना है। इसके मायने यह है कि आज के दिन में प्रबंधकीय दक्षता से अतिरिक्त धन बनाया जा सकेगा। जो जितना अधिक अच्छा मैनेजमेंट करेगा उतनी ही ज्यादा लोगों को प्रभावित कर पाएगा और भविष्य के लिए नए गठजोड़ से होने वाले लाभ को प्रभावित कर पाएगा। हो सकता है कि ऐसे में आज की दक्षता आज सामान्य लाभ दे रही हो लेकिन भविष्य के लिए बहुत ऊंचे दर्जे के लाभों को सुरक्षित भी कर रही है। भाग्यांक 7 होने के कारण आज दिन में सामान्य से अधिक भावनात्मक ऊर्जा उपलब्ध रहेगी लेकिन मूलांक 3 बृहस्पति को रिप्रेजेंट करते हैं इसलिए आज के दिन में स्नेह पूर्ण वातावरण के बीच भावनाओं को भी एक नियंत्रित और सकारात्मक उर्जा का सहयोग मिलेगा। इससे वह सभी लोग जो आध्यात्मिक या उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करें हैं भी संतुलित तरीके से अपने मन की बात को शब्द देते हुए दिखाई देंगे। साहित्य और कला के क्षेत्र में धन की अच्छी उपलब्धता रहने की संभावना है। मूलांक 1 ,3 ,5 ,7 वालों को आज के दिन का भरपूर लाभ मिलने की संभावना है। वहीं मूलांक 6 और 8 वालों को परिश्रम से लाभ और मूलांक 4 और 9 वालों को थोड़ा संभल के चलने की आवश्यकता रहेगी।
टैरो कार्ड्स में आज का कार्ड द स्टार के साथ सेवन ऑफ पेंटाकल्स है। इसके मायने यह है की उम्मीदों से भरे हुए आप आज ने केवल अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी अनुकरणीय उदाहरण पेश करेंगे। आपकी उदारता और लक्ष्यों के प्रति ईमानदारी आपको आज विशिष्ट श्रेणी में खड़ा कर सकती है। टैरो कार्ड आप को संदेश देते हैं की आप अपने इच्छित लक्ष्य के प्रति आज जितने अधिक सतर्क और समर्पित रहेंगे इच्छित परिणाम प्राप्त करने की संभावना उतनी ही अधिक बढ़ जाएगी।
सनसाइन के अनुसार आज का दिन कार्यस्थल पर अपने पुराने अनुभव और नए प्रयोगों के साथ मिलकर भविष्य के लिए योजनाएं बनाने का रह सकता है। आकस्मिक कार्य रुकावट की तरह से होंगे। कार्यों की गति और लय बनाए रखने के लिए पूर्व निर्धारित कार्यों को पहले निपटाएं। कैंसिरियन, विर्गो, लिब्रा, कैप्रीकॉर्न, पाइसेज के लिए आज अच्छे अवसर उपलब्ध रहेंगे। टौरस और लियो संभल कर चलें।
मूनसाइन के अनुसार आज का दिन बहुत उल्लास और आनंद से परिपूर्ण हो सकता है। आपसी संबंधों में एक दूसरे के लिए न केवल स्नेह पूर्ण वार्तालाप बल्कि छोटी यात्रा, पारस्परिक समझ दारी पूर्ण वातावरण में पिछली नाराजगी भी सुलझा ने के अवसर मिलेंगे।
कैसा रहेगा इस सप्ताह आपका दाम्पत्य राशिफल? दंपती जीवन के अनुसार यह सप्ताह बहुत सकारात्मक ऊर्जा के साथ संबंधों में प्रगाढ़ता लाने वाला रहने की संभावना है लेकिन उन सभी लोगों को जो उग्रता या कठोरता से व्यवहार करते हैं सावधान रहने की आवश्यकता रहेगी। अगर संबंधों में इस सप्ताह कोई कटुता या तनाव आता है तो लंबे समय के लिए स्थाई रह सकता है। अन्यथा यह सप्ताह संबंधों में उच्च स्तरीय प्रगाढ़ता और स्नेह पूर्ण वातावरण के साथ निकलने की पूरी संभावना है। सप्ताह के प्रथम 2 दिन आपस में पारिवारिक रूप से मेलजोल और एक दूसरे के प्रिय जनों को सम्मान देते हुए बहुत स्नेह पूर्ण वातावरण में गुजरने की संभावना रहेगी। सप्ताह का मध्य भाग भावनात्मक उथल-पुथल वाला रह सकता है। किसी घटनाक्रम में त्वरित प्रतिक्रिया संबंधों को प्रभावित कर सकती है, सावधान रहें। सप्ताह का अंत थोड़े निराशाजनक व्यवहार से जुड़ा होने के कारण मन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, सावधान रहे तो स्थितियों को जल्दी संभाल पाएंगे।
आपका सवाल पूजा में चरणामृत का क्या महत्व है? यह भक्तों को क्यों दी जाती है?
चरणामृत दो प्रकार से बनाया जाता है एक गंगा जल या शुद्ध जल तांबे या चांदी के पात्र में भरकर उसमें तुलसी की पत्ती डालकर तांबे या चांदी के चम्मच द्वारा ही भक्तजनों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। दूसरा प्रकार है पंचामृत को चरणामृत के रूप में प्रसाद के रूप में बांटना। इसमें कच्चा दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल के साथ शक्कर या गुड़ मिलाया जाता है। चरणामृत जो पंचामृत से तैयार किया गया हो ऐसा माना जाता है कि पांच प्रकार के अमृत को एक साथ मिलाकर भगवान को अर्पित किया जाता है। यह अमृत समान द्रव्य जब हम ग्रहण करते हैं तो सभी प्रकार के पापों से मुक्त होते हैं और भगवान की कृपा और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हुए जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाते हैं। वैज्ञानिक तौर पर देखें तो पंचामृत एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट युक्त एक ऐसा द्रव्य है जो नित्य प्रयोग करने से बहुत सारे रोगों से हमारी रक्षा करता है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
आज का दैनिक राशिफल ज्यो पं चंदन श्याम नारायाण व्यास पंचांगकर्ता के साथ मेष- वित्तीय मामलों में दूसरों पर भरोसा न करें। भावनात्मक संबंधो में नजदीकिया बढ़ेगी। किसी भी नए कार्य को करने के पूर्व रणनिति तैयार करें। नौकरी में तरक्की के आसार हैं।
वृषभ- व्यस्त जिन्दगी में कुछ समय अपनों को भी दें। आप मन के साफ़ हैं पर किसी को समझाने के लिए नर्मी से पेश आएं। शिक्षा स्थल पर विवाद की स्थिति को टालें। किसी भी कार्य को करने से पहले अपने परिवार के बारे में जरूर सोचें।
मिथुन- वही होता है जो भगवान् को मंजूर होता है। व्यर्थ की चिंता छोड़ दें और अपने सपने पूरे करने में लग जाएं। आकस्मिक धन प्राप्त आज हो सकता है। कला से लोगों को प्रभावित करेंगे।
कर्क- लम्बे समय से चले आ रहे विवाद आज सुलझ सकते हैं। संतान सुख संभव। विदेश जाने के योग हैं। जीवन साथी के सहयोग से कार्य पूर्ण होगे। किसी के देखा देखी में अपना नुकसान हो सकता है।
सिंह- अपने व्यवहार और आचरण बदलें। सब आप के हो जाएंगे। अपने माता पिता से ऐसा व्यवहार ठीक नहीं है। जैसा व्यवहार आप करेंगे वैसा आप के साथ भी हो सकता है ,अपनी भूल सुधारें लाभ होगा।
कन्या- परिवार की खिलाफ जा सकते हैं। जल्द बाजी में कुछ फैसले लेने पड़ेंगे। संचित धन का उपयोग सतर्कता पूर्वक करें। नई जिम्मेदारी मिलने की संभवाना है। पैर में चोट लग सकती है। तुला- अपने करियर के प्रति महतवपूर्ण फैसले लेने पड़ेंगे। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। परिवार के साथ लम्बी यात्रा के योग हैं। अच्छे कार्य की शुरुआत बड़ों के आशीर्वाद से हो। विदेश जाने की बाधा दूर हो सकती है।
वृश्चिक- सामाजिक समारोह में शामिल होंगे। आत्म विश्वास में वृद्धि होगी। आप क्यों दूसरे के मामलों में पड़ते हैं ,नुकसान आप का ही होगा। बिना मांगे अपनी राय न दें। पिता के साथ गंभीर विषय पर चर्चा होगी।
धनु- धार्मिक कार्यों में सहभागिता होगी। समय रहते अपने कार्यों को पूर्ण करे आप के आलसी रवैये से नुकसान हो सकता है। कारोबार विस्तार के लिए कर्ज लेना पड़ सकता है। मकर- मनचाहा जीवन साथी मिलने से प्रसन्न होंगे। आप के व्यवहार से लोग आकर्षित होंगे कार्यस्थल पर पूजा पाठ में शामिल होंगे। भाई बहनों से स्नेह मिलेगा। विधुत उपकण खरीद सकते हैं।
कुम्भ- पूंजी निवेश से अच्छा परिणाम प्राप्त होगा। नए वस्त्रों की प्राप्ति आज हो सकती है। वाहन पर धन खर्च होगा। जरूरतमंद की मदद करें रुके कार्य बन जाएंगे। भूमि लाभ संभव। मीन- कारोबार में नई तकनीक से लाभ होगा। कार्य की अधिकता से तनाव रहेगा। कार्य स्थल पर कर्मचारियों की अनियमिता से परेशान रहेंगे। मन की बात कहना का समय नहीं है।
ग्रह-नक्षत्र ज्योतिर्विद: पंडित घनश्यामलाल स्वर्णकार के साथ शुभ वि. सं: 2080
संवत्सर का नाम: पिङ्गल
शाके सम्वत: 1945
हिजरी सम्वत: 1444
मु. मास: जिल्काद-22
अयन: उत्तरायण
ऋ तु: ग्रीष्म
मास: आषाढ़
पक्ष: कृष्ण शुभ मुहूर्त: आज उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में विवाह देव-प्रतिष्ठा, गृहारम्भ, गृह-प्रवेश (आषाढ़े वृष संक्रान्ति दोष), विपणि-व्यापारारम्भ, हलप्रवहण, विद्यारम्भ, कूपारम्भ, अक्षरारम्भ, नामकरण, अन्नप्राशन, वधू-प्रवेश, कर्ण-वेध तथा मुण्डन, चौल, सगाई व रोका आदि रेवती नक्षत्र में, विवाह का रेवती (दशमी में) भी यथाआवश्यक शुभ मुहूर्त है। नवमी रिक्ता संज्ञक तिथि प्रात: 10-35 बजे तक तदन्तर दशमी पूर्णा संज्ञक शुभ तिथि है। नवमी तिथि में शुभ व मांगलिक कार्य शुभ नहीं बताये गये है, पर किसी शुभकार्यारम्भ के समय के लग्न में केन्द्र या त्रिकोण स्थान में कोई शुभ ग्रह स्थित हो तो रिक्ता तिथि के दोष का परिहार हो जाता है। दशमी तिथि में सभी शुभ व मांगलिक कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं।
संवत्सर का नाम: पिङ्गल
शाके सम्वत: 1945
हिजरी सम्वत: 1444
मु. मास: जिल्काद-22
अयन: उत्तरायण
ऋ तु: ग्रीष्म
मास: आषाढ़
पक्ष: कृष्ण शुभ मुहूर्त: आज उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में विवाह देव-प्रतिष्ठा, गृहारम्भ, गृह-प्रवेश (आषाढ़े वृष संक्रान्ति दोष), विपणि-व्यापारारम्भ, हलप्रवहण, विद्यारम्भ, कूपारम्भ, अक्षरारम्भ, नामकरण, अन्नप्राशन, वधू-प्रवेश, कर्ण-वेध तथा मुण्डन, चौल, सगाई व रोका आदि रेवती नक्षत्र में, विवाह का रेवती (दशमी में) भी यथाआवश्यक शुभ मुहूर्त है। नवमी रिक्ता संज्ञक तिथि प्रात: 10-35 बजे तक तदन्तर दशमी पूर्णा संज्ञक शुभ तिथि है। नवमी तिथि में शुभ व मांगलिक कार्य शुभ नहीं बताये गये है, पर किसी शुभकार्यारम्भ के समय के लग्न में केन्द्र या त्रिकोण स्थान में कोई शुभ ग्रह स्थित हो तो रिक्ता तिथि के दोष का परिहार हो जाता है। दशमी तिथि में सभी शुभ व मांगलिक कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं।
श्रेष्ठ चौघडिय़ा: आज सूर्योदय से प्रात: 7-19 बजे तक अमृत, प्रात:9-01 बजे से प्रात: 10-44 बजे तक शुभ तथा दोपहर बाद 02-09 बजे से सूर्यास्त तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 11-59 बजे से दोपहर 12-53 बजे तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
दिशाशूल: सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चंद्र स्थिति के अनुसार आज उत्तर दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। राहुकाल: प्रात: 7-30 बजे से प्रात: 9-00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है। चंद्रमा: चंद्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि मीन राशि में है।
नक्षत्र: उत्तराभाद्रपद ‘‘धु्रव व ऊध्र्वमुख’’ संज्ञक नक्षत्र दोपहर बाद 1-49 बजे तक, तदन्तर रेवती ‘‘मृदु व तिर्ङ्यंमुख’’ संज्ञक नक्षत्र है। रेवती गंडान्त संज्ञक नक्षत्र भी है। उत्तराभाद्रपद व रेवती नक्षत्रों में विवाह, प्रतिष्ठा, गृहारम्भ, प्रवेश, यात्रा व अन्य घरेलू कार्य व उत्सवादि शुभ व सिद्ध होते हैं।
योग: आयुष्मान नामक नैसर्गिक शुभ योग प्रात:7-52 बजे तक, तदन्तर सौभाग्य नामक नैसर्गिक शुभ योग है। करण: गर नामकरण प्रात: 10-35 बजे तक, तदन्तर वणिज नामकरण रात्रि 10-02 बजे तक , इसके बाद भद्रा संज्ञक विष्टि नामकरण है।
व्रतोत्सव: आज पंचक सम्पूर्ण दिवारात्रि तथा गंड मूल प्रारम्भ दोपहर बाद 01-49 बजे से। आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (झ, ञ, दे, दो, चा) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि मीन है। मीन राशि के स्वामी बृहस्पति हैं। दोपहर बाद 1-49 बजे तक जन्मे जातकों का जन्म लोहपाद से व इसके बाद जन्मे जातकों का जन्म स्वर्णपाद से है। सामान्यत: ये जातक सुन्दर, पराक्रमी, साहसी, बुद्धिमान, शत्रुजित, माता-पिता की सेवा करने वाले, मेधावी, कवि, लेखक, उपन्यासकार आदि होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 27-28 वर्ष की आयु तक होता है। मीन राशि वाले जातकों को सन्तान पक्ष की कुछ चिन्ता, नौकरी में सम्मान की वृद्धि होगी। तनाव से मुक्ति तथा धन-लाभ भी होगा।
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (झ, ञ, दे, दो, चा) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि मीन है। मीन राशि के स्वामी बृहस्पति हैं। दोपहर बाद 1-49 बजे तक जन्मे जातकों का जन्म लोहपाद से व इसके बाद जन्मे जातकों का जन्म स्वर्णपाद से है। सामान्यत: ये जातक सुन्दर, पराक्रमी, साहसी, बुद्धिमान, शत्रुजित, माता-पिता की सेवा करने वाले, मेधावी, कवि, लेखक, उपन्यासकार आदि होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 27-28 वर्ष की आयु तक होता है। मीन राशि वाले जातकों को सन्तान पक्ष की कुछ चिन्ता, नौकरी में सम्मान की वृद्धि होगी। तनाव से मुक्ति तथा धन-लाभ भी होगा।