हाथों की लकीरों ने जोड़े दिलों के रिश्ते जयपुर की सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर सुरभि गुप्ता ने बताया कि उनकी शादी को 20 साल हो गए हैं। आशीष से पहली मुलाकात उनके एस्ट्रोलॉजर सेंटर पर हुई थी। आशीष उनको अपनी हस्तरेखा दिखाने आए थे। उनकी हाथों की लकीरें देखकर हैरान रह गईं। दोनों की हस्तरेखा एक जैसी थी। आमतौर पर एक जैसी हाथों की लकीरें हसबैंड—वाइफ या भाई—बहन की होती है। जैसे ही आशीष से नजरें मिली, सब कुछ ठहर सा गया। वाकई प्यार अंधा होता है। एक महीने बाद आशीष ने अपने प्यार का इजहार कर दिया। मुलाकातों का दौर लव मैरिज तक पहुंच गया। इतने सालों बाद भी वो ही प्यार बरकरार है। वैलेंटाइन डे को हर साल सिंगापुर में सेलिब्रेट करते हैं, लेकिन इस बार इसे अयोध्या या वैष्णो देवी में सेलिब्रेट करने की तैयारी है। सच कहूं तो आज जो भी सफलता मिली है, उसमें मेरे पति आशिष का बहुत बड़ा रोल है।
आसान नहीं थी लव मैरिज की राह एसएमएस अस्पताल में कार्यरत विनिता व्यास ने बताया कि शादी के 28 साल बाद भी प्यार का सिलसिला यूं ही जारी है। परकोटे में ही दोनों के घर नजदीक होने से पहले से ही जान—पहचान थी। चंद्रेश की ब्राह्मण और मेरी जैन फैमिली थी। मन ही मन एक—दूसरे को पसंद भी करते थे, लेकिन उस दौर में लव मैरिज के नाम से भी डर लगता था। कहते हैं जब आप प्यार में होते हैं तो कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। जब मेरी शादी की बात चली तो चंद्रेश घबरा गए, वो खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने जैसे ही पूछा मुझसे शादी करोगी तो मैंने भी हां बोल दिया। एक दिन घर वालों को भी पता चल गया। शुरुआत में झटका जरूर लगा, लेकिन बाद में उन्हें भी हमारे प्यार के आगे झुकना पड़ा। शादी से पहले चंद्रेश को चांदी का पिंजरा उपहार में दिया था, वो आज भी उन्होंने संभालकर रखा है। प्यार का मतलब ही समर्पण, त्याग और आपसी रिश्ते में ईमानदारी है। चंद्रेश व्यास चिकित्सा विभाग में एडीओ के पद पर कार्यरत हैं।
दोस्ती से परवान चढ़ा प्यार
स्त्री रोग विशेषझ डॉ. कविता गोयल ने बताया कि उनके प्यार की कहानी दोस्ती से शुरू हुई। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित सिंघल से पहली मुलाकात एसएमएस मेडिकल कॉलेज में हुई थी। प्रेक्टिकल क्लास के दौरान दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। इसके बाद अच्छे दोस्त बन गए। अमित शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थे। हमारे बीच किताबें और नोट्स शेयर करने का सिलसिला शुरू हुआ। कहते हैं ना आपको जिसका साथ पसंद होता है, आप उसके आस—पास रहने के तरीके तलाशते रहते हैं। मुलाकातों के दौरान कब एक—दूसरे को दिल दे बैठे पता ही नहीं चला। वैलेंटाइन डे का दिन बहुत अहमियत रखता है। इस दिन ही अमित ने अपने प्यार का इजहार किया था। शुरुआत में शादी को लेकर थोड़ी दिक्कतें हुईं, लेकिन बाद में घर वालों ने भी रजामंदी दे दी। शादी को 20 साल बीत गए हैं, लेकिन आज भी अमित पहले की तरह ही केयरिंग हैं। दोनों वर्किंग होने से जब भी मौका मिलता है हर लम्हें को साथ गुजारना पसंद करते हैं।
स्त्री रोग विशेषझ डॉ. कविता गोयल ने बताया कि उनके प्यार की कहानी दोस्ती से शुरू हुई। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित सिंघल से पहली मुलाकात एसएमएस मेडिकल कॉलेज में हुई थी। प्रेक्टिकल क्लास के दौरान दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। इसके बाद अच्छे दोस्त बन गए। अमित शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थे। हमारे बीच किताबें और नोट्स शेयर करने का सिलसिला शुरू हुआ। कहते हैं ना आपको जिसका साथ पसंद होता है, आप उसके आस—पास रहने के तरीके तलाशते रहते हैं। मुलाकातों के दौरान कब एक—दूसरे को दिल दे बैठे पता ही नहीं चला। वैलेंटाइन डे का दिन बहुत अहमियत रखता है। इस दिन ही अमित ने अपने प्यार का इजहार किया था। शुरुआत में शादी को लेकर थोड़ी दिक्कतें हुईं, लेकिन बाद में घर वालों ने भी रजामंदी दे दी। शादी को 20 साल बीत गए हैं, लेकिन आज भी अमित पहले की तरह ही केयरिंग हैं। दोनों वर्किंग होने से जब भी मौका मिलता है हर लम्हें को साथ गुजारना पसंद करते हैं।