आमेर का किला आमेर का किला जयपुर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है, इस किले का निर्माण महाराजा मान सिंह प्रथम ने करवाया था। इस किले की ख़ास विशेषता यह है की यह किला बड़े दरवाजों और पथरीले रास्तों के साथ हिंदू वास्तुकला का एक अनोखा नमूना है। यह चार मंजिला किला लाल संगमरमर और बलुवा पत्थरों से बना हुआ है, साथ ही इसमें शाही विरासत का दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, शीश महल और सुख निवास जिसमें शीतलता का प्रभाव देने के लिए एक सरल और प्राकृतिक जल प्रवाह भी बनाया गया है और शिला माता मंदिर है। कई पीढि़यों तक शाही परिवार यहां रहा है और हमलों के दौरान आपातकालीन रास्ता भी है जो इसे जयगढ़ किले से जोड़ता है।
जयगढ़ किला इस किले का निर्माण महाराजा जय सिंह ने आमेर में अरावली की पहाडि़यों के भाग चील का टीला में स्थित है। 400 मीटर ऊपर और प्रसिद्ध आमेर किले के ढांचे के समान इस किले को आमेर की सुरक्षा के लिए बनाया गया था। एक गुप्त मार्ग के रास्ते जयगढ़ किले से आमेर किले में पहुंचा जा सकता है। यह किला तीन किलोमीटर लंबा और एक किलोमीटर चैड़ा है। इसमें पहियों पर चलने वाली दुनिया की सबसे बड़ी तोप है जिसका नाम जयवन है। इसमें कुछ महल हैं जो शाही परिवार का निवास रहे हैं। साथ ही एक सुव्यवस्थित बाग और संग्रहालय भी इसमें है।
सिटी पैलेस सिटी पैलेस गुलाबी नगरी के बीच बसा हुआ एक महल है। इसमें बने भवन, आंगन, मंदिर और बाग हैं राजसी इतिहास की निशानी है। इसका निर्माण जय सिंह ने शुरु करवाया था। इस शानदार पैलेस में मुबारक महल, चंद्र महल, मुकुट महल, महारानी का महल, गोविंद मंदिर और सिटी पैलेस संग्रहालय हैं। इस संग्रहालय में पुराने समय के सामान को रखा गया है। चंद्र महल सिटी पैलेस का सबसे भीतरी किला है। इसका अपना एक संग्रहालय है और इसमें शाही परिवार के सदस्य रहते हैं।
हवा महल जब बात जयपुर की होती है तो
हवा महल की बात नहीं हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता हवा महल का निर्माण महाराजा प्रताप सिंह ने करवाया था। हवा महल को पांच मंजिला भवन को भगवान
कृष्ण के प्रतिरुप के तौर पर बनवाया गया था जिसमे 1000 छोटी खिड़कियां हैं जिससे यह एक छत्ते की तरह दिखता है। इसकी बनावट जालीदार डिजाइन में बानी हुई है जिसके छलते गर्मियों में भी ठंडी हवा इस महल में आती हैइसलिए भी इसे हवा महल कहा जाता है। गुलाबी और लाल पत्थरों से बना यह महल अपने आप में बेहद खूबसूरत है। यह महल शाही सिटी पैलेस का हिस्सा है और जनाना कक्ष तक फैला है।
नाहरगढ़ किला नाहरगढ़ का किला अरावली की पहाडि़यों के किनारे पर स्थित है। इस किले से शहर का सुन्दर दर्शय दिखाई देता है । महाराजा सवाई जय सिंह ने इस किले का निर्माण करवाया था। इस किले में से कई ऐतिहासिक घटनाएं जुडी हुईं हैं, मराठा के साथ समझौते पर यहां हस्ताक्षर हुए और सिपाही विद्रोह के दौरान यह ब्रिटिश महिलाओं का आश्रय स्थल रहा। राजा शिकार के समय पर यही रुका करते थे।
जल महल जल महल शहर की सागर झील के बीच में मौजूद है। इसे ‘रोमांटिक महल’ के नाम से भी जाना जाता था। इस महल की पहली मंजिल पर स्थित हाॅल को बहुत अच्छी तरह से सजाया गया है लेकिन फिर भी इसके उपर स्थित चमेली बाग ज्यादा खूबसूरत है। जलमहल अब पक्षी अभ्यारण के रूप में भी विकसित किया जाए रहा है। यहाँ की नर्सरी में 1 लाख से अधिक पेड़ लगे हुए है पूरे राजस्थान में यहां के सबसे ऊँचे पेड़ पाए जाते हैं।