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बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस पंकज मिथल का राजस्थान हाईकोर्ट में बतौर मुख्य न्यायाधीश तबादला करने की सिफारिश की थी। सोमवार को केंद्र सरकार ने इस सिफारिश को मंजूरी दे दी। फिर राष्ट्रपति से चर्चा के बाद कानून मंत्रालय ने यह आदेश जारी किया है। गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस एसएस शिंदे के रिटायरमेंट के बाद से ही कार्यवाहक न्यायाधीश के रूप में एमएम श्रीवास्तव कार्य कर रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज हैं मिथल
जस्टिस पकंज मिथल मूल रूप से इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज हैं। उन्हे 7 जुलाई 2006 को अधिवक्ता कोटे से इलाहाबाद हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त किया गया था। जिन्हें दो वर्ष बाद 2 जुलाई, 2008 को स्थाई किया गया। वरिष्ठता के अनुसार कॉलेजियम ने दिसंबर 2020 में उनके नाम की सिफारिश जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के सीजे के तौर पर की। इन्होंने 4 जनवरी 2021 को जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट सीजे के तौर पर शपथ ली।
जस्टिस पकंज मिथल मूल रूप से इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज हैं। उन्हे 7 जुलाई 2006 को अधिवक्ता कोटे से इलाहाबाद हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त किया गया था। जिन्हें दो वर्ष बाद 2 जुलाई, 2008 को स्थाई किया गया। वरिष्ठता के अनुसार कॉलेजियम ने दिसंबर 2020 में उनके नाम की सिफारिश जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के सीजे के तौर पर की। इन्होंने 4 जनवरी 2021 को जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट सीजे के तौर पर शपथ ली।
1985 में शुरू की वकालत
जस्टिस पंकज मिथल का जन्म 17 जून 1961 को हुआ था। इन्होंने वर्ष 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कॉमर्स में स्नातक करने के बाद 1985 में चरण सिंह विश्वविद्यालय के मेरठ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की। वर्ष 1985 में उन्होंने उत्तरप्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में खुद को रजिस्टर कराया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज के रूप में नियुक्त होने से पूर्व तक वे यूपी आवास विकास परिषद और अंबेडकर विश्वविद्यालय सहित कई संस्थानों के स्थाई गर्वमेंट काउंसिल रहे।
जस्टिस पंकज मिथल का जन्म 17 जून 1961 को हुआ था। इन्होंने वर्ष 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कॉमर्स में स्नातक करने के बाद 1985 में चरण सिंह विश्वविद्यालय के मेरठ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की। वर्ष 1985 में उन्होंने उत्तरप्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में खुद को रजिस्टर कराया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज के रूप में नियुक्त होने से पूर्व तक वे यूपी आवास विकास परिषद और अंबेडकर विश्वविद्यालय सहित कई संस्थानों के स्थाई गर्वमेंट काउंसिल रहे।