राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता किरोड़ीलाल मीणा ( Kirodi Lal Meena ) दौसा से टिकट कटने के बाद आहत हैं। उनका मानना है कि प्रदेश के नेताओं से चल रही अनबन की वजह से उनके परिवार में से किसी को टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के खिलाफ नहीं जाऊंगा। पार्टी के लिए जो करना है, वह सब करूंगा। चाहे मुझे जहर का प्याला पीना पड़े लेकिन नरेन्द्र मोदी ( Narendra Modi ) को पीएम बनाने के लिए काम करूंगा। पेश है किरोड़ी से बातचीत के प्रमुख अंश…
– अब आप पार्टी के पार्टी के साथ रहेंगे या खिलाफत करेंगे?
उत्तर: मेरे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। उसके बाद पार्टी हैै। मैं पार्टी के साथ रहूंगा। आरएसएस का सदस्य रहा हूं और संघ के उद्देश्य को पूरा करने के लिए काम करूंगा।
उत्तर: मेरे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। उसके बाद पार्टी हैै। मैं पार्टी के साथ रहूंगा। आरएसएस का सदस्य रहा हूं और संघ के उद्देश्य को पूरा करने के लिए काम करूंगा।
– दौसा का टिकट फाइनल हो गया, आपके परिवार की भी दावेदारी थी, टिकट नहीं मिला।
उत्तर: टिकट नहीं मिला तो कोई बात नहीं, चार बार पहले भी लोकसभा का टिकट काटा गया। पहले भी जसकौर की वजह से टिकट कटा और इस बार भी। लेकिन मैं पार्टी के लिए काम करूंगा।
उत्तर: टिकट नहीं मिला तो कोई बात नहीं, चार बार पहले भी लोकसभा का टिकट काटा गया। पहले भी जसकौर की वजह से टिकट कटा और इस बार भी। लेकिन मैं पार्टी के लिए काम करूंगा।
– हुडला और आपके बीच विवाद तो टिकट कटने का कारण नहीं बना?
उत्तर: ओमप्रकाश हुड़ला कौन हैं। वह पार्टी में नहीं हैं। बागी होकर चुनाव लड़ा है। हुड़ला तो कुछ नेताओं का मोहरा हैं।
उत्तर: ओमप्रकाश हुड़ला कौन हैं। वह पार्टी में नहीं हैं। बागी होकर चुनाव लड़ा है। हुड़ला तो कुछ नेताओं का मोहरा हैं।
– आप गोलमा देवी की पैरवी क्यों कर रहे थे, वे तो विधानसभा चुनाव में हार गई थीं।
उत्तर: गोलमा देवी की पैरवी इसलिए कर रहा था क्योंकि विधानसभा चुनावों में उनको ऐसी जगह फंसा दिया, जहां वे जाना नहीं चाहती थीं। षड्यंत्र करके उनको फंसा दिया गया। लोगों में उनके प्रति सहानुभूति है।
उत्तर: गोलमा देवी की पैरवी इसलिए कर रहा था क्योंकि विधानसभा चुनावों में उनको ऐसी जगह फंसा दिया, जहां वे जाना नहीं चाहती थीं। षड्यंत्र करके उनको फंसा दिया गया। लोगों में उनके प्रति सहानुभूति है।
– विधानसभा चुनावों में आपकी सिफारिश पर भी टिकट दिए, लेकिन ज्यादातर हार गए?
उत्तर: भरतपुर और धौलपुर में सीट हार गए, इसका जिम्मेदार मैं तो नहीं हूं। पार्टी बताए किसके कहने पर टिकट दिए और हार का जिम्मेदार कौन है? सवाईमाधोपुर में मेरे कहने से टिकट नहीं दिए। मेरी सहमति के बिना गोलमा देवी को सपोटरा से चुनाव लड़वाया। करौली में पैराशूट को टिकट दे दिया। मेरे कहने पर टिकट दिए ही कहां? यह सब झूठी बाते हैं।
उत्तर: भरतपुर और धौलपुर में सीट हार गए, इसका जिम्मेदार मैं तो नहीं हूं। पार्टी बताए किसके कहने पर टिकट दिए और हार का जिम्मेदार कौन है? सवाईमाधोपुर में मेरे कहने से टिकट नहीं दिए। मेरी सहमति के बिना गोलमा देवी को सपोटरा से चुनाव लड़वाया। करौली में पैराशूट को टिकट दे दिया। मेरे कहने पर टिकट दिए ही कहां? यह सब झूठी बाते हैं।
– बार-बार टिकट क्यों कटता है, एक बार पार्टी भी छोड़ दी।
उत्तर: मैनें पार्टी नहीं छोड़ी। पार्टी से निकाला गया था, क्योंकि मैंने कैडर वर्कर को टिकट देने की वकालत की। ऐसे व्यक्ति को टिकट दिलवाया गया, जिसने मेरे खिलाफ बलात्कार का झूठा मुकदमा कराया।
उत्तर: मैनें पार्टी नहीं छोड़ी। पार्टी से निकाला गया था, क्योंकि मैंने कैडर वर्कर को टिकट देने की वकालत की। ऐसे व्यक्ति को टिकट दिलवाया गया, जिसने मेरे खिलाफ बलात्कार का झूठा मुकदमा कराया।