रालोपा के हनुमान बेनीवाल ने पहले विधायक फिर सांसद बनकर उपचुनाव कराने का दूसरी बार इतिहास दोहराया है। हनुमान बेनीवाल वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में खींवसर सीट से विधायक बने थे। इसके बाद वे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन कर सांसद बन गए। तब इस दौरान उन्होंने अपने भाई नारायण बेनीवाल को उपचुनाव में उतारा और वे जीत गए।
यही इतिहास दुबारा दोहराया जा रहा है। हनुमान बेनीवाल ने वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में वे फिर खड़े हो गए। इस बार उन्होंने कांग्रेस से गठबंधन कर लिया और भाजपा की ज्योति मिर्धा को शिकस्त दी। अब फिर से इस सीट पर विधानसभा के उपचुनाव हो रहे हैं। इस बार वे किसको मौका देते हैं, यह देखना रहेगा।
लोकसभा चुनाव में रालोपा ने कांग्रेस से गठबंधन किया था। लेकिन सांसद बनने के बाद से रालोपा व कांग्रेस के मधुर रिश्ते नजर नहीं आए। अब देखना यह है कि क्या उप चुनाव में बेनीवाल की पार्टी आरएलपी व कांग्रेस का गठबंधन रह पाएगा या दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लडं़ेगी। इसके साथ हनुमान बेनीवाल ने अब तक यह भी नहीं बताया है कि उप चुनाव में उनका उम्मीदवार कौन होगा। उनके समर्थक कयास लगा रहे हैं कि उनकी पत्नी या भाई को वापस टिकट दिया जाएगा या फिर कोई नया चेहरा होगा। क्योंकि बेनीवाल सार्वजनिक मंच से हमेशा कहते आए हैं कि उनके परिवार की बजाए कोई दूसरा व्यक्ति चुनाव लड़े। उधर, भाजपा ने भी उप चुनाव को लेकर पूरा जोर लगा रखा है।