इन नेताओं ने मांगी सुरक्षा: गृह विभाग से कांग्रेस के जिन नेताओं ने सुरक्षा मांगी है उनमें पूर्व खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र आरसीए चेयरमैन वैभव गहलोत, नागौर से कांग्रेस विधायक हरेन्द्र मिर्धा और उनके पुत्र राघवेन्द्र मिर्धा भी शामिल है। इसके अलावा कुछ अन्य नेता भी सुरक्षा मांग रहे है। गृह विभाग ने अब इनकी प्रार्थना पर इंटेलीजेंस और कमिश्नरेट से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट के अध्ययन के बाद गृह विभाग उच्च स्तर से निर्देश मिलने के बाद ही फैसला करेगा। इनमें खाचरियावास और वैभव को सुरक्षा पहले मिली हुई थी। सरकार बदलने के बाद सभी की सुरक्षा की समीक्षा भी की जा रही है।
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने दे रखी थी कई नेताओं को भी सुरक्षा:
राज्य की पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने अपने कई विधायकों और अन्य नेताओं को सुरक्षा दे रखी थी। इनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पंजाब कांग्रेस के प्रभारी रहे हरीश चौधरी और गुजरात कांग्रेस प्रभारी रहे रघु शर्मा को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। इसमें भी डोटासरा और चौधरी को सशस्त्र एस्कॉर्ट की सुरक्षा भी थी। गृह विभाग के उस वक्त के आदेश के अनुसार तीनों नेताओं को संभावित खतरों के मद्देनजर सुरक्षा उपलब्ध कराना बताया गया था। दरअसल ये तीनों कांग्रेस नेता गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। इन्हें संगठन की जिम्मेदारी सौंपी गई तो मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। ऐसे में तीनों ही मंत्रियों को वाई श्रेणी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी।
सलाहकारों को भी दे दी थी सुरक्षा: यहीं नहीं पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने छह विधायक जिन्हें सलाहकार बनाया था उन्हें भी सुरक्षा दे दी थी। इनमें संयम लोढ़ा, बाबूलाल नागर, राजकुमार शर्मा आदि शामिल थे।