जयपुर

राजस्थान नहीं होता तो हिंदुस्तान नहीं होता

स्कूल शिक्षा परिवार की ओर से राजस्थान पुलिस अकादमी सभागार में हास्य कवि सम्मेलन आयोजित हुआ।

जयपुरDec 15, 2019 / 09:26 pm

surendra kumar samariya

राजस्थान नहीं होता तो हिंदुस्तान नहीं होता

‘ वो राजस्थान जहां, सूरज उगता है स्वाभिमान लेकर,
वो राजस्थान जहां, योद्धा होते है अमर प्राण देकर,
वो राजस्थान जहां, नंगी तलवारें नृत्य दिखाती है,
राजस्थान नहीं होता तो सत्य सनातन ना होता,
धर्म पुरातन ना होता, हम हिंदु ना रह पाता,
हम राम नाम नहीं कह पाते,
यदि राजस्थान नहीं होता, तो गौरव गान नहीं होता,
राजस्थान नहीं होता तो हिंदुस्तान नहीं होता।’
‘ ये धरती वो धरती है, जिस पर अनुशासन है,
ये धरती वो धरती है जिस पर दीवानापन है।’

कुछ ऐसी ही कई रचनाएं रविवार को सुनने को मिली। पानीपेच राजस्थान पुलिस अकादमी ( Rajasthan Police Academy )
के सभागार में हुए शिक्षा रत्न अवार्ड और हास्य कवि सम्मेलन ( kavi sammelan ) में देशभर से आए कवियों ने हास्य और वीर रस से श्रोताओं का मनोरंजन किया। हास्य की बौछारों के साथ वीर रस के शब्दों ने श्रोताओं में उत्साह भर दिया। कवियों 370 के साथ नागरिकता बिल पर भी रचनाएं सुनाई। स्कूल शिक्षा परिवार की ओर से हुए समारोह में देश भर से आए कवियों ने सर्द मौसम में तालियां से गरमाहट करा दी। कवियों में अब्दुल गफ्फार, कमल मनोहर, अजय सोनी, सुल्तान, राम भदावर ने शिक्षा व्यवस्था, राजनीति, नौकरशाही पर रचनाएं पेश की।
इस कवि सम्मेलन में कवयित्री सुल्तान ने

‘ बेवजह, बेशक वो रूलाता रहा
फिर भी उस पर हमें प्यार आता रहा
मेरी सच्ची मोहब्बत का ये है सिला
खत मैं लिखती रही और वो जलता रहा।’
अपनी दूसरी रचना में कवयित्री सुल्तान ने
‘मैं अपने प्यार का इकरार करूंगी
हां हा, मैं तुमसे, तुम्हीं से प्यार करूंगी
तुम मेरे घर पर जरूर आने मेरे भाई
मैं राखी पर तुम्हारा इंतजार करूंगी।’

इस दौरान आयोजक स्कूल शिक्षा परिवार के सचिव मुकेश कुमावत व उपाध्यक्ष महेश शर्मा ने बताया कि हास्य के साथ कई अवार्ड भी दिए गए। अवार्ड समारोह में जयपुर शहर व जयपुर जिले की करीब 7 सौ ज्यादा स्कूल संचालक मौजूद रहे। इसके बाद पौष बड़ा प्रसादी कार्यक्रम भी हुआ। परिवार के अध्यक्ष अनिल शर्मा और मुख्य अतिथि एवं आईएएस डॉ. समित शर्मा विशिष्ट अतिथि शामिल हुए।
शिक्षा रत्न अवार्ड के दौरान स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार हर साल शिक्षकों का सम्मान करती है, लेकिन निजी स्कूल शिक्षकों को शामिल नहीं करती। जबकि हम आधे से ज्यादा बच्चों को पढ़ा रहे है। इसलिए यहां पर 9 स्कूलों को चयन कर अवॉर्ड दे रहे है। साथ ही 32 पुरस्कार उन्हें दे रहे है, जिन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता के लिए बड़े प्रयास किए हो।

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