जयपुर के आराध्य गोविन्ददेवजी मंदिर में मंगला आरती में कार्तिक स्नान करने वाली महिलाओं की काफी भीड़ रही। मंदिर परिसर में उत्सवी माहौल रहा। इसके साथ ही पुरानी बस्ती स्थित मंदिर श्री गोपीनाथजी, चौड़ा रास्ता के मंदिर राधा-दामोदरजी मंदिर, लक्ष्मीनारायण बाईजी का मंदिर, गोनेर रोड स्थित मंदिर श्री राधाकृष्ण, गोनेर के लक्ष्मीजगदीश मंदिर सहित कई मंदिरों में भक्तिमय माहौल नजर आया।
अब दीपदान भी शुरू
पूर्णिमा से ही कार्तिक स्नान शुरू हो गए है। लोगों ने तांरों की छांव में स्नान कर कार्मित स्नान शुरू किए। दो साल बाद गलता तीर्थ में कार्तिक स्नान के लिए भक्तों की भीड़ नजर आई। गलता तीर्थ में स्ननान करने के साथ ही लोगों ने कार्तिक स्नान की शुरुआत की। इसके साथ ही अब दीपदान भी शुरू हुआ। गलता पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य के सान्निध्य में गलता तीर्थ के मंदिरों में विशेष पूजा—अर्चना होगी। ठाकुरजी का विशेष शृंगार किया जाएगा।
यह भी पढ़े: इस बार दिवाली पर टूटेगी 150 साल की परंपरा, नहीं होगी गोवर्धन पूजा
भगवान विष्णु की आराधना का विशेष महिना
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि कार्तिक मास भगवान विष्णु की आराधना का विशेष महिना माना गया है। तांरों की छांव में स्नान और दीपदान के साथ इस माह किया गया जप—तप और देवदर्शन विशेष फलदायक होेता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक में कुआं या नदी पर स्नान करने से गंगा स्नान के समान पुण्य मिलता है। इस बीच देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा के बाद जागृत होते हैं। इस महीने में भगवान विष्णु के साथ तुलसी पूजन का विशेष महत्व माना गया है। तुलसी और शालिग्राम का विवाह भी आयोजित किया जाता है। कार्तिक मास में गंगा स्नान, गलता स्नान, पुष्कर स्नान करने पर विशेष फल मिलता है। इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण और विष्णु मंदिरों के साथ पवित्र सरोवरों में दीपदान भी विशेष फलदायक होता है। कार्तिक मास में ही धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, आंवला नवमीं सहित कई व्रत—त्योहार भी आते है।