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करीब दो सप्ताह बाद मामले में एक और मोड़ आया जब परिजनों को घर में डूंगरराम के हाथ का लिखा एक और पत्र मिला। वर्ष 2011 में लिखे पत्र में डूंगर ने लिखा है कि किन-किन लोगों को रुपए देने हैं तथा वे कौन लोग हैं जो उसे परेशान कर रहे हैं। इन्हें में शामिल एक व्यक्ति के लिए लिखा है कि उसने प्लाट का पट्टा ले लिया। बाद में बहला कर उसे अपने साथ ले गया और कलक्ट्रेट में चाकू दिखा कर धमकाया। उस व्यक्ति व उसके साथियों ने डूंगरराम से जबरन इकरारनामा तैयार करवाया।
करीब दो सप्ताह बाद मामले में एक और मोड़ आया जब परिजनों को घर में डूंगरराम के हाथ का लिखा एक और पत्र मिला। वर्ष 2011 में लिखे पत्र में डूंगर ने लिखा है कि किन-किन लोगों को रुपए देने हैं तथा वे कौन लोग हैं जो उसे परेशान कर रहे हैं। इन्हें में शामिल एक व्यक्ति के लिए लिखा है कि उसने प्लाट का पट्टा ले लिया। बाद में बहला कर उसे अपने साथ ले गया और कलक्ट्रेट में चाकू दिखा कर धमकाया। उस व्यक्ति व उसके साथियों ने डूंगरराम से जबरन इकरारनामा तैयार करवाया।
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पत्र में कई लोगों के नाम लिखे, जिसमें सबसे ऊपर इसी व्यक्ति का नाम है। पत्र से साफ है कि उस समय डूंगरराम अकेले आत्महत्या करने का विचार कर रहा था। उसने पत्र में लिखा था कि जो प्लाट इन लोगों ने छीन लिया है वह मेरे बच्चों को दिलवा देना।
पत्र में कई लोगों के नाम लिखे, जिसमें सबसे ऊपर इसी व्यक्ति का नाम है। पत्र से साफ है कि उस समय डूंगरराम अकेले आत्महत्या करने का विचार कर रहा था। उसने पत्र में लिखा था कि जो प्लाट इन लोगों ने छीन लिया है वह मेरे बच्चों को दिलवा देना।
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महंगे ब्याज पर रुपए देकर फंसाया
थाने में दुबारा दी शिकायत में परिजनों ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग उसे वर्षों से परेशान कर रहे थे। उन्होंने महंगे ब्याज पर रुपए देकर डूंगर को फंसाया और बाद में आत्महत्या के लिए प्रेरित किया। अब पुलिस पत्र की सत्यता की जांच कर रही है।
महंगे ब्याज पर रुपए देकर फंसाया
थाने में दुबारा दी शिकायत में परिजनों ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग उसे वर्षों से परेशान कर रहे थे। उन्होंने महंगे ब्याज पर रुपए देकर डूंगर को फंसाया और बाद में आत्महत्या के लिए प्रेरित किया। अब पुलिस पत्र की सत्यता की जांच कर रही है।