उधर शुक्रवार का विधायक राजकुमार शर्मा इस्तीफा देने के लिए विधानसभा पहुंचे। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष और सचिव के जयपुर से बाहर होने के चलते वे इस्तीफा नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि अब 1 जनवरी को इस्तीफा देंगे। इससे पूर्व विधायक डॉ राजकुमार शर्मा ने प्रेसक्लब में प्रेसवार्ता की। जिसमें उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान हुई मौतों की अनदेखी करने को लेकर इस्तीफा देने को कहा। उन्होंने कहा कि वे विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर करूँगा विशेष सत्र बुलाने की मांग करेंगे, अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो इस्तीफा दे देंगे।
मंत्री की जिद के कारण हुई मौतें
विधायक शर्मा ने चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी जिद के चलते इतने लोगों की असमय मौत हुई। अगर वे जिद पर नहीं अडते तो समाधान पहले ही हो जाता। उन्होंने कहा कि मेरे चिकित्सा मंत्री रहते हड़ताल हुई लेकिन डॉक्टरों पर दमनकारी नीति नही अपनाई गई।
विधायक शर्मा ने चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी जिद के चलते इतने लोगों की असमय मौत हुई। अगर वे जिद पर नहीं अडते तो समाधान पहले ही हो जाता। उन्होंने कहा कि मेरे चिकित्सा मंत्री रहते हड़ताल हुई लेकिन डॉक्टरों पर दमनकारी नीति नही अपनाई गई।
चौधरी के तबादले पर उठाए सवाल
विधायक शर्मा ने डॉक्टर नेता अजय चौधरी पर भी उठाए सवाल। उन्होंने कहा कि चौधरी ने खुद का तबादला तो सीकर करा लिया बाकी 11 डॉक्टरों को अकेला क्यों छोड़ दिया।
विधायक शर्मा ने डॉक्टर नेता अजय चौधरी पर भी उठाए सवाल। उन्होंने कहा कि चौधरी ने खुद का तबादला तो सीकर करा लिया बाकी 11 डॉक्टरों को अकेला क्यों छोड़ दिया।
शर्मा के वक्त भी हुई थी बडी हडताल
गौरतलब है कि जब डॉ. राजकुमार शर्मा चिकित्सा राज्य मंत्री थे तब दिसम्बर 2011 में भी सेवारत चिकित्सक समयबद्ध पदोन्नति एवं अन्य मांगों को लेकर करीब दो सप्ताह तक हडताल पर रहे थे। उस समय भी प्रदेश भर में सामान्य सरकारी अस्पतालों की स्थिति खराब हो गई थी।
गौरतलब है कि जब डॉ. राजकुमार शर्मा चिकित्सा राज्य मंत्री थे तब दिसम्बर 2011 में भी सेवारत चिकित्सक समयबद्ध पदोन्नति एवं अन्य मांगों को लेकर करीब दो सप्ताह तक हडताल पर रहे थे। उस समय भी प्रदेश भर में सामान्य सरकारी अस्पतालों की स्थिति खराब हो गई थी।