यह भी पढ़े: सोयाबीन की फसल बेमौसम बारिश से खराब, खाने के तेल के बढ़ सकते हैं दाम खेतों में पानी भरने से बिजाई विलंब
मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में चालू माह में ही काबली चने की बिजाई शुरू होने वाली है। मगर खेतों में पानी होने से बिजाई में विलंब हो रहा है। सूडान, ईरान, टर्की, मैक्सिको एवं कनाड़ा से काबली चने का आयात होता है। इस बार उक्त उत्पादक देशों में भाव ऊंचे चल रहे हैं। लिहाजा आयात पड़ता नहीं लग रहा है। इसे देखते हुए काबली चने में फिलहाल मंदी के आसार नहीं हैं। उधर, महाराष्ट्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार वहां से स्टॉक का माल काफी मात्रा में निकल चुका है। इंदौर-भोपाल लाइन का काबली निर्यात के साथ-साथ बिजाई में भी जा रहा है। कनाड़ा में भी इस बार फसल कमजोर बताई जा रही है। पुराना स्टॉक नगण्य है। लिहाजा कहा जा सकता है कि काबली चने में मजबूती बनी रह सकती है।
मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में चालू माह में ही काबली चने की बिजाई शुरू होने वाली है। मगर खेतों में पानी होने से बिजाई में विलंब हो रहा है। सूडान, ईरान, टर्की, मैक्सिको एवं कनाड़ा से काबली चने का आयात होता है। इस बार उक्त उत्पादक देशों में भाव ऊंचे चल रहे हैं। लिहाजा आयात पड़ता नहीं लग रहा है। इसे देखते हुए काबली चने में फिलहाल मंदी के आसार नहीं हैं। उधर, महाराष्ट्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार वहां से स्टॉक का माल काफी मात्रा में निकल चुका है। इंदौर-भोपाल लाइन का काबली निर्यात के साथ-साथ बिजाई में भी जा रहा है। कनाड़ा में भी इस बार फसल कमजोर बताई जा रही है। पुराना स्टॉक नगण्य है। लिहाजा कहा जा सकता है कि काबली चने में मजबूती बनी रह सकती है।