एक जनवरी से इन बसों का संचालन किया जाएगा। ये बसें वॉल्वो जैसी ही होंगी। वहीं, वर्तमान में संचालित वॉल्वो बसों को दिल्ली रूट से हटाकर दूसरे रूटों पर चलाया जाएगा। गौरतलब है कि राजस्थान पथ परिवहन निगम के पास इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस-6 की बसें नहीं है। इसके चलते दिल्ली के सफर पर संकट मंडराया हुुआ था।
एनसीआर क्षेत्र में बदली है बसें
एनसीआर क्षेत्र में एक नवंबर से इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस-6 बसों का संचालन शुरू हो चुका है। दूसरे राज्यों से एनसीआर में आने वाली बसों पर यह आदेश एक जनवरी से प्रभावी होगा। ऐसे में राजस्थान के वे जिले जो एनसीआर क्षेत्र में आते हैं, वहां निगम ने बीएस-6 की डीजल बसों का संचालन शुरू कर दिया है। निगम की ओर से बीएस-6 की 70 बसों का संचालन पहले से ही एनसीआर क्षेत्र में किया जा रहा है। अन्य रूट पर संचालित हो रही 40 बसों को भी एनसीआर में शिफ्ट किया जा चुका है।
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फरवरी तक मिलेंगी नई बसें
रोडवेज की ओर से बीएस-6 की 78 वॉल्वो बसों का टेंडर किया जा रहा है। लेकिन आचार संहिता लगने के कारण टेंडर प्रक्रिया अटक गई थी। अब आचार संहिता हटने के बाद रोडवेज फिर प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। फरवरी तक रोडवेज को बसें मिलेंगी। वहीं, 50 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की प्रक्रिया जारी है। आगामी पांच महीने में बसें आ पाएंगी। इसके अलावा रोडवेज बीएस-6 की 30 अन्य बसों को ऑल इंडिया परमिट में बदलने जा रहा है, ताकि बसों का संचालन दिल्ली के लिए किया जा सके।
फैक्ट फाइल
18 वॉल्वो बसों का संचालन किया जाता है जयपुर से दिल्ली
1500 से 2000 यात्रियों की आवाजाही रहती है दिल्ली के लिए
8 से 10 लाख रुपए आय होती है रोडवेज को जयपुर-दिल्ली से
20 बसें ऑल इंडिया परमिट की चलेंगी दिल्ली के लिए
ऑल इंंडिया परमिट की बसों का संचालन दिल्ली के लिए किया जा सकता है। इसके लिए हमने तैयारी कर ली है। ऑल इंडिया परमिट की 26 बसों को चलाएंगे।-नथमल डिडेल, एमडी राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम