राहुल के राजस्थान से जाते ही बयानवीर बने हरीश चौधरी, बोले आरएलपी गहलोत की प्रायोजित पार्टी
गौरतलब है कि 3 दिन पहले राजे भूंगरा गांव पहुंची तो वहां गैस त्रासदी में हुई बर्बादी का दृश्य देख कर आहत हुई थी। उन्होंने कहा था कि अपनों के अलविदा होने से मैं आहत ही नहीं, गहरी चिंता में हूं कि इन परिवारों को अब कैसे सम्बल दिया जाए, इनकी तकलीफ़ कैसे बाटी जाए ? उन्होंने शुक्रवार को भी सहयोग में जुटे कार्यकर्ताओं से बातचीत कर यही कहा है कि यह पीड़ितों को गले लगाने को समय है। अपनों को खोने का जो दर्द जो इन्हें मिला है, उसे कम करने की जरूरत है। इनका हाथ पकड़ कर इनका सहारा बनने की जरूरत है। इनके लिए इंतज़ाम में कोई कमी न रहनी चाहिए। उन्होंने एक बार फिर से पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया कि मैं हूं ना। राजे ने कहा पीड़ित परिवारों को जो ज़ख़्म मिलें है उनकी भरपाई तो नहीं की जा सकती, लेकिन उनके साथ खड़े रहकर हम उनके घाव तो कम कर ही सकते हैं।