खास यह है कि पिछले दिनों ही राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट ग्लोबल समिट के तहत दिल्ली में आयोजित प्री-समिट में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में 1.2 लाख करोड़ का निवेश करने के लिए एमओयू किया है। एमओयू का उद्देश्य सस्ती और स्वच्छ बिजली आपूर्ति करना है यह निवेश आगामी दस वर्ष में होगा।
इससे राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा सेंटर बनेगा। वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य है। राज्य में 28000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। राजस्थान में 1 लाख ईवी रिजर्व पॉइंट स्थापित करने के लिए 1 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव है। राज्य में टाटा समूह के नामचीन होटल भी हैं। राजस्थान के औद्योगिक विकास में रतन टाटा की अहम भूमिका है।
टाटा पावर ने राज्य सरकार के साथ रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में 1.2 लाख करोड़ रुपए के निवेश के लिए एमओयू किया है। इसमें 75,000 करोड़ रुपए का ग्रीन एनर्जी में निवेश शामिल है। टाटा समूह की टाटा इन्फ्रा जैसी कंपनियां राजस्थान के इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
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इनमें कई आरओबी, सड़कें, पुल और डेम शामिल हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर में टाटा समूह की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है, इसके यात्री और व्यावसायिक वाहनों के साथ औद्योगिक वाहन, ऑटो पार्ट्स, सर्विस स्टेशन, स्क्रैप यार्ड से लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है। टाटा फाउंडेशन के माध्यम से टाटा समूह राजस्थान में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सरोकार के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।जीडीपी में 20 प्रतिशत भागीदारी
फोर्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि राजस्थान की जीडीपी में टाटा समूह की भागीदारी लगभग 15 से 20 प्रतिशत होगी, यहां टाटा समूह के माध्यम से 20 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। रसोई में टाटा नमक से लेकर एयर इंडिया जैसी हवाई सेवाएं टाटा समूह की ओर से संचालित की जा रही हैं। टाटा समूह की 30 कंपनियों के 100 से ज्यादा ब्रांड प्रदेश के घर-घर में पहुंचे हुए हैं। इनके डीलर, डिस्ट्रीब्यूटर, रिटेलर और चैनल पार्टनर के माध्यम से राजस्थान को राजस्व, व्यापार और रोजगार मिल रहा है।द्रव्यवती नदी….एक प्रोजेक्ट ने बदली पांच लाख की जिंदगी
जयपुर की द्रव्यवती नदी का सौंदर्यीकरण टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने किया है। सौंदर्यीकरण होने से नदी किनारे रहने वाले करीब पांच लाख लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। 1676 करोड़ रुपए इस प्रोजेक्ट पर खर्च हुए हैं। बरसात के दिनों में अब नदी किनारे की कॉलोनियों में जलभराव नहीं होता। आसानी से बरसात का पानी निकल जाता है। मानसरोवर के शिप्रापथ पर लैंडस्कैपिंग पार्क विकसित किया है। ऐसा पार्क शहर में कहीं और नहीं है। बम्बाला पुलिया पर बॉटनीकल पार्क और बर्ड पार्क भी अपने आप में खास हैं। ये तीनों ही पार्क नदी की खूबसूरती बढ़ाते हैं। 47 किमी के हिस्से को टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने विकसित किया है। नदी की बाउंड्री से लेकर ट्रैक के किनारे लोहे की जालियां, वॉकिंग-साइकिल ट्रैक, लैंडस्कैपिंग और अब नदी के किनारों पर पौधे लगाने का काम भी किया जा रहा है। भविष्य में पौधे पेड़ बन जाएंगे तो नदी किनारे आने वाले लोगों को छाया मिल सकेगी।