जयपुर

JLF 2023: शशि थरूर ने दी सीएम अशोक गहलोत को सीख, मतभेद हों तो भी बात कहने का तरीका होना चाहिए

थरूर ने राजस्थान में गहलोत की ओर से पायलट को लेकर गद्दार, निकम्मा, नाकारा जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए सीख दी

जयपुरJan 21, 2023 / 02:10 pm

Rakhi Hajela

JLF 2023: शशि थरूर ने दी सीएम अशोक गहलोत को सीख, मतभेद हों तो भी बात कहने का तरीका होना चाहिए

जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शिरकत करने पहुंचे कांग्रेस नेता शशि थरूर ने गहलोत को सीख देते हुए कहा कि किसी बात पर मतभेद हो तो भी उसे अलग तरह से कहने का तरीका होना चाहिए। अपने साथियों के लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग करना गलत है, वो तो दूसरी पार्टी के लोगों को भी ऐसा नहीं कहेंगे। थरूर ने राजस्थान में गहलोत की ओर से पायलट को लेकर गद्दार निकम्मा नाकारा जैसे शब्दों के इस्तेमाल को लेकर पूछे एक एक सवाल का जवाब देते हुए ये सीख दी।
भारत यात्रा ने बदली राहुल की इमेज
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने देश में कांग्रेस तीन राज्यों तक सिमट कर रह जाने की स्थिति में नेतृत्व में बदलाव की दरकार पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने तो बदलाव के नाम पर ही चुनाव लड़ा था, लेकिन हार मिली। वहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि इस यात्रा ने राहुल गांधी की इमेज बदल दी है। उनको लेकर जो पप्पू बिजिनेस की बात होती है वो तीन आरोपों की वजह से होती है कि वो लोगों से मिलते नहीं, बात नहीं करते, विदेश चले जाते हैं, लेकिन अब वो हर आदमी से मिलते हैं, सबकी बात सुनते हैं। 160 दिन से देश में घूम रहे हैं। दर्जनों प्रेस कांफ्रेस की हैं। प्राइम मिनिस्टर ने कितनी प्रेस कांफ्रेस की हैं। राहुल गांधी से यात्रा के दौरान एक आम आदमी को मिलने का मौका मिला है, उन्हें समझने का मौका भी मिला है।
राहुल गांधी की यात्रा से आई ऊर्जा
उन्होंने कहा कि कोई भी इस बात के लिए मना नहीं कर सकता कि राहुल गांधी की यात्रा से लोगों में ऊर्जा आई है। संदेश देश की एकता का है। अगर नफरत को हटाना है तो ऐसा करने में कुछ गलत नहीं है। हम चाहते हैं लोगों में ये संदेश जाए कि जो चल रहा है उसको वैसे ही स्वीकार करने की जरूरत नहीं है, बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने कहा हम फर्जी एकता की बात नहीं कर रहे हम देश में महंगाई, बेरोजगारी से दूसरे मुद्दों को भी उठा रहे हैं। वहीं आने वाली फिल्म गोडसे गांधी पर उन्होंने कहा कि जल्द महात्मा गांधी की 75वीं पुण्यतिथि आ रही है। ऐसे समय में उनके दूसरे मूल्यों के बारे में भी बोलने की जरूरत है। मेरा मानना है कि प्राइम मिनिस्टर को भी अब स्वच्छता मिशन में गांधी के चश्मे के अलावा दूसरे मूल्यों के बारे में बोलना चाहिए।
टकराव हर पार्टी की हकीकत
इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे देश में सभी को लिखने की फ्रीडम होनी चाहिए,लेकिन इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि इससे किसी और का नुकसान नहीं हो। जब उनसे पूछा गया कि केरल में आप और वेणु गोपाल और राजस्थान में गहलोत और सचिन के बीच चल रहे टकराव है तो उन्होंने कहा कि ये हर पार्टी की हकीकत है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि जो आज पोजिशन में नहीं है वो छोटा है। लोकतंत्र में हर इंसान को अपनी बात रखने का अधिकार है। अगर कोई राजनेता अपनी राय व्यक्त करता है तो इसका मतलब से नहीं है कि वो कोई दबाव डाल रहा है। वहीं जब हम अपने साथियों के बारे में बोलते हैं तो सोच समझ कर बोलना चाहिए। वो अपनी ही नहीं दूसरी पार्टी के राजनेताओं का भी अपमान नहीं करना चाहेंगे। उनका मानना है कि हम सभी को अपने पास्ट को खंगालने की जरूरत है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या आप कभी रोमांस पर लिखने की सोच रहे हैं तो उन्होंने कहा कि उनकी एक किताब जिसका नाम राइट था, उसमें रोमांस भी था। कई सालों से उपन्यास नहीं लिखा है, अभी लिखने के लिए काफी कुछ है। जब आप लोग मुझे राजनीति से बाहर भेज देंगे तो शायद मैं ऐसा कुछ लिखूं।

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