रजिस्ट्रेशन शुल्क से 100 करोड़ की अस्थायी आय
हर आवेदन के साथ जेडीए 10 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क लेता है, जो रिफंडेबल है। यदि 50 हजार आवेदन आते हैं, तो यह राशि 100 करोड़ तक पहुंच जाएगी। यह पैसा लॉटरी प्रक्रिया के दौरान दो से तीन महीने तक जेडीए के खजाने में रहेगा। इस अवधि में जेडीए इस राशि पर ब्याज से भी आय अर्जित करेगा।
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तीन योजनाओं में 756 भूखंड
कोविड के बाद पहली बार जेडीए ने एक साथ 756 भूखंडों की योजनाएं पेश की है। इनमें कालवाड़ रोड स्थित अटल विहार में 284, गोविंद विहार में 202, और पटेल नगर में 270 भूखंड शामिल हैं। प्रत्येक योजना में 10-12 हजार आवेदनों का अनुमान है।
आवेदन शुल्क में 11 साल बाद बढ़ोतरी
जेडीए ने 2013 से 500 रुपए आवेदन शुल्क लिया था। इससे पहले यह 300 रुपए था। पिछली योजनाओं जैसे गोकुल नगर और प्रियदर्शनी नगर में शुल्क 500 रुपए ही था। अब शुल्क बढ़ाकर 1000 रुपए करने से आवेदनकर्ताओं पर वित्तीय दबाव बढ़ा है।
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लॉटरी प्रक्रिया में देरी से होता है लाभ
लॉटरी में असफल आवेदकों को रजिस्ट्रेशन शुल्क लौटाने में 2-3 महीने लगते हैं। इस दौरान राशि जेडीए के खजाने में रहती है, जिससे प्राधिकरण को ब्याज से अतिरिक्त लाभ होता है।