गोविंददेवजी मंदिर में 5 जून तक जलयात्रा उत्सव मनाया जाएगा। जल विहार झांकी आधा घंटा के लिए खुली रहेगी। झांकी के बाद ठाकुरजी को पांच प्रहार के फलों और हलवे-पूड़ी का भोग लगेगा। मंदिर में 18 मई अपरा एकादशी पर, 21 मई, 22 मई, 24 मई व 27 मई और 1 जून, 2 जून, 4 जून और 5 जून को जल विहार झांकियां सजाई जाएगी। इनमें अपरा एकादशी पर 18 मई और निर्लजा एकादशी पर 2 जून को शाम 5 से 5.30 बजे तक जलविहार झांकी सजेगी, बाकि दिन दोपहर 12.30 से दोपहर एक बजे तक जलविहार की झांकी सजेगी।
शीतल ऋतु फलों का लगाया भोग
उधर गोविन्द देवजी मंदिर के मातहत कनक घाटी स्थित मंदिर कुंजबिहारीजी में शनिवार शाम को जलयात्रा उत्सव मनाया गया। ठाकुरजी को गुलाब जल व मिश्रित जल से फव्वारों के माध्यम से शीतलता प्रदान की गई। ठाकुरजी को सफेद मलमल का धोती दुपट्टा धारण करवा कर ऋतु पुष्पों से शृंगार किया गया। ठाकुरजी को ऋतु फलों और शीतल व्यंजनों का भोग लगाया गया। लॉकडाउन के कारण मंदिरों के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद होने से भक्तों को ठाकुरजी के दर्शन सोशल मीडिया के माध्यम से कराए गए।
उधर गोविन्द देवजी मंदिर के मातहत कनक घाटी स्थित मंदिर कुंजबिहारीजी में शनिवार शाम को जलयात्रा उत्सव मनाया गया। ठाकुरजी को गुलाब जल व मिश्रित जल से फव्वारों के माध्यम से शीतलता प्रदान की गई। ठाकुरजी को सफेद मलमल का धोती दुपट्टा धारण करवा कर ऋतु पुष्पों से शृंगार किया गया। ठाकुरजी को ऋतु फलों और शीतल व्यंजनों का भोग लगाया गया। लॉकडाउन के कारण मंदिरों के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद होने से भक्तों को ठाकुरजी के दर्शन सोशल मीडिया के माध्यम से कराए गए।