मंत्री चौधरी ने कहा कि मैंने बीसलपुर सिस्टम की ट्रांसफर मैन-1 और 2 परियोजना की समीक्षा की तो हालात भयाभय सामने आए। बिना फिल्टर प्लांट तैयार किए ही पाइप लाइनें बिछा दी। फिल्टर प्लांट दो वर्ष में तैयार होगा तब तक बिछाई गई पाइप लाइनें जंग खा चुकी होंगी। यह हाल अकेले बीसलपुर सिस्टम का नहीं बल्कि पूरे राज्य में जल जीवन मिशन का है। जनता के हजारों करोड़ रुपए की बर्बादी राजस्थान ही नहीं पूरे देश में पहला उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मैं,विभाग के सचिव डॉ समित शर्मा और एमडी बचनेश अग्रवाल किसी भी तरह की अनियमिता से दूर हैं। कोई गलतफहमी नहीं पाले,जो भ्रष्टाचार करेगा वह भुगतने के लिए तैयार रहे। जल जीवन मिशन की समय सीमा एक वर्ष बढ़ाने की सैधांतिक स्वीकृति हमे मिल गई है।
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जलदाय मंत्री डॉ कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि डॉ समित शर्मा ने जलदाय विभाग की कमान संभाली तो मुझे कहा गया कि डॉ शर्मा तो ईमानदार हैं और आपके काम कैसे हो पाएंगे। मैंने कहा कि मुझे ऐसे ही ईमानदार अफसर की जरूरत थी। इनकी ईमानदारी की चर्चा पूरे राज्य में होती है।