जयपुर। अजमेर रोड पर भांकरोटा अग्निकांड में कई लोग जिंदा जल गए। मृतकों की पहचान व सैंपल लेने में भी काफी परेशानी आई। फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) टीम ने मौके से सैंपल एकत्र किए।
बेहद कम समय में डीएनए जांच कर मृतकों की पहचान करने करने में बड़ी भूमिका निभाई। राजस्थान पत्रिका ने एफएसएल निदेशक अजय शर्मा से खास बातचीत की।
जवाब: जांच में पाया गया कि हादसे के समय टैंकर का वॉल्व टूटने से एलपीजी लीक हो गई। गैस लीक होने के बाद ठंडे तापमान के कारण वह ऊपर जाने के बजाय जमीन के पास फैल गई। जब स्पार्क हुआ, तो विस्फोट हो गया, जिसने बस और आसपास के वाहनों को चपेट में ले लिया।
पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश-
Q. भांकरोटा में हुए हादसे की मुख्य वजह क्या रही?जवाब: जांच में पाया गया कि हादसे के समय टैंकर का वॉल्व टूटने से एलपीजी लीक हो गई। गैस लीक होने के बाद ठंडे तापमान के कारण वह ऊपर जाने के बजाय जमीन के पास फैल गई। जब स्पार्क हुआ, तो विस्फोट हो गया, जिसने बस और आसपास के वाहनों को चपेट में ले लिया।
Q. क्या सरकार ने डीएनए मामलों की पेंडेंसी कम करने के लिए कोई कदम उठाए हैं?
जवाब: हमने राज्य सरकार को आवश्यक पदों और संसाधनों की मांग का प्रस्ताव भेजा था। सरकार ने 102 नए पद स्वीकृत किए हैं और नए उपकरणों की मंजूरी भी दी है। इसके अलावा, पेंडेंसी कम करने के लिए अनुबंध आधार पर वैज्ञानिकों की भर्ती की अनुमति भी मिल गई है।
जवाब: हमने राज्य सरकार को आवश्यक पदों और संसाधनों की मांग का प्रस्ताव भेजा था। सरकार ने 102 नए पद स्वीकृत किए हैं और नए उपकरणों की मंजूरी भी दी है। इसके अलावा, पेंडेंसी कम करने के लिए अनुबंध आधार पर वैज्ञानिकों की भर्ती की अनुमति भी मिल गई है।
Q. इस बार डीएनए जांच में अपेक्षाकृत कम समय क्यों लगा?
जवाब: हादसे की गंभीरता को देखते हुए 25 वैज्ञानिकों की हमारी टीम ने दिन-रात काम किया। हमें पांच सैंपल मिले, जिनमें से दो एक ही व्यक्ति के थे। जांच के बाद परिवार के सदस्यों के सैंपल से मिलान कर शिनात पूरी की गई। यह हमारी प्राथमिकता थी, इसलिए अन्य सभी मामलों को रोककर इस पर काम किया गया।
जवाब: हादसे की गंभीरता को देखते हुए 25 वैज्ञानिकों की हमारी टीम ने दिन-रात काम किया। हमें पांच सैंपल मिले, जिनमें से दो एक ही व्यक्ति के थे। जांच के बाद परिवार के सदस्यों के सैंपल से मिलान कर शिनात पूरी की गई। यह हमारी प्राथमिकता थी, इसलिए अन्य सभी मामलों को रोककर इस पर काम किया गया।
Q. वर्तमान में डीएनए जांच से जुड़े कितने मामले पेंडिंग हैं?
जवाब: इस समय करीब 18,000 मामले पेंडिंग हैं, जिनमें पॉक्सो, हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर प्रकरण शामिल हैं। एक सैंपल की जांच में तीन से चार दिन का समय लगता है। जांच प्रक्रिया में समय लगने और मामलों की संया अधिक होने के कारण यह पेंडेंसी बनी हुई है।
जवाब: इस समय करीब 18,000 मामले पेंडिंग हैं, जिनमें पॉक्सो, हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर प्रकरण शामिल हैं। एक सैंपल की जांच में तीन से चार दिन का समय लगता है। जांच प्रक्रिया में समय लगने और मामलों की संया अधिक होने के कारण यह पेंडेंसी बनी हुई है।