प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में लगी भीषण आग में एक महिला मरीज़ की मौत हुई है। मृतका की पहचान करौली निवासी 60 वर्षीय बाड़ा देवी के तौर पर हुई है। बताया जा रहा है कि बाड़ा देवी न्यूरो सम्बन्धी बीमारी के इलाज के लिए भर्ती थीं। जानकारी के अनुसार आग लगने के बाद दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने के दौरान ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
मृतका बाड़ा देवी के साथ आये परिजनों ने मीडिया को आंखों देखा हाल बताया। उनका कहना था कि जब आग लगी तब सभी मरीज़ और उनके परिजन अपने-अपने वार्डों में सो रहे थे। अचानक आग लगने का पता चलने पर एकाएक हड़कंप की स्थिति बन गई। अफरा-तफरी के बीच मरीज़ों को दूसरे वार्डों में शिफ्ट किया गया। इस बीच आग का धूंआ तेज़ी से अस्पताल के अंदर हर वार्ड में फैलता चला गया।
मृतका बाड़ा देवी के साथ आये परिजनों ने मीडिया को आंखों देखा हाल बताया। उनका कहना था कि जब आग लगी तब सभी मरीज़ और उनके परिजन अपने-अपने वार्डों में सो रहे थे। अचानक आग लगने का पता चलने पर एकाएक हड़कंप की स्थिति बन गई। अफरा-तफरी के बीच मरीज़ों को दूसरे वार्डों में शिफ्ट किया गया। इस बीच आग का धूंआ तेज़ी से अस्पताल के अंदर हर वार्ड में फैलता चला गया।
परिजनों का कहना है कि मरीज़ों को शिफ्ट करवाने में अस्पताल के कुछ स्टाफकर्मियों ने भी दिलेरी दिखाई। लेकिन जब बाड़ा देवी को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया तब वहां डॉक्टर मौजूद नहीं थे। आग लगने के बाद डॉक्टर्स अस्पताल के दूसरे वार्डों से भी भाग छूटे थे।
परिजनों ने आरोप लगाया कि वार्ड में फैले धूंएं की घुटन और शिफ्टिंग के दौरान बाड़ा देवी की तबियत पहले से और ज़्यादा बिगड़ गई। दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने पर यदि वहां डॉक्टर मिल जाता तो उपचार होता जिससे उनकी जान बचाई जा सकती थी।
… इधर, 60 से अधिक मरीजों की बचाई जान
आईसीयू के पास वार्ड में करीब साठ से अधिक मरीज भर्ती थे। चीफ फायर ऑफिसर जगदीश फुलवारी ने बताया कि आग के बाद वार्ड में धुआं भर गया था। इससे वहां पर भर्ती करीब 60 से अधिक मरीजों में अफरा तफरी मच गई। मरीजों के साथ बड़ी संख्या में उनके परिजन भी मौजूद थे। धुएं से दम घुटने से कई मरीजों की तबीयत खराब होने लग गई थी। मरीजों को यह तक पता नहीं था कि निकलना कहां से है।
आईसीयू के पास वार्ड में करीब साठ से अधिक मरीज भर्ती थे। चीफ फायर ऑफिसर जगदीश फुलवारी ने बताया कि आग के बाद वार्ड में धुआं भर गया था। इससे वहां पर भर्ती करीब 60 से अधिक मरीजों में अफरा तफरी मच गई। मरीजों के साथ बड़ी संख्या में उनके परिजन भी मौजूद थे। धुएं से दम घुटने से कई मरीजों की तबीयत खराब होने लग गई थी। मरीजों को यह तक पता नहीं था कि निकलना कहां से है।
अस्पताल प्रशासन के साथ मिलकर दमकल कर्मियों ने मरीजों को सकुशल बाहर निकाल कर दूसरे वार्ड में पहुंचाया, तब जाकर मरीजों ने राहत की सांस ली। घटना के बाद अस्पताल प्रशासन के आलाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे।
आग से वार्ड में भर्ती मरीजों में चीख-पुकार मच गई थी। आग बुझाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। आग से कम्प्यूटर, रिकॉर्ड, दवाईयां सहित अन्य सामान जल गया। आग रात करीब तीन बजे लगी थी और करीब तीन घंटे के प्रयास के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
ऐसे बेकाबू हुई ‘जानलेवा’ आग
सवाई मानसिंह अस्पताल के चरक भवन स्थित लाइफ लाइन स्टोर में शुक्रवार तड़के अचानक आग लग गई। आग ने कुछ ही समय में विकराल रूप धारण कर लिया। आग चरक भवन के ग्राउण्ड फ्लोर पर स्थित स्टोर में लगी थी। आग ने प्रथम व द्वितीय तल पर स्थित लाइन स्टोर को भी आगोश में ले लिया। आईसीयू के पास वार्ड में बडी संख्या में मरीज भर्ती थे। आग से मरीजों में खलबली मच गई और धुएं से दम घुटने कई मरीजों की तबीयत खराब हो गई।
आग की सूचना पर घाटगेट, बाइस गोदाम, वीकेआई व अन्य स्थानों से करीब तेरह दमकल मौके पर पहुंची और करीब तीन घंटे के अथक प्रयास के बाद आग पर काबू पाया। आग की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है।