जयपुर

कभी पानी में डूबा था यह मंदिर, आज पानी को तरस रहा बांध

रामगढ़ बांध के बीचों बीच मौजूद है श्मशानेश्वर महादेव का मंदिर

जयपुरJul 10, 2018 / 08:28 pm

Veejay Chaudhary

कभी पानी में डूबा था यह मंदिर, आज पानी को तरस रहा बांध

जितेन्द्र सिंह शेखावत/जयपुर. बाईस साल पहले तक रामगढ़ बांध के बीच हमेशा जल में डूबेे रहने वाले भगवान भोलेनाथ को इस मानसून में भी पवित्र बाण गंगा नदी के बहने का बेसब्री से इंतजार है। वर्ष 1981 में आई बाढ़ में बांध के गेट खोलने के बाद भी छह से आठ फीट की चादर चली थी तब से 1999 तक श्मशानेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर पानी में ही डूबा रहा था। लेकिन अब यहां हर तरफ सूखा ही नजर आता है। यह बांध वर्ष 1904 में बनकर तैयार हुआ तब इसमें पानी के भरने पर श्मशानेश्वर महादेव का मंदिर भी जल में डूब गया था। बांध में पानी आने की उम्मीद में बीते दिनों रामगढ़ लाइव से जुड़े कार्यकर्ताओं ने यज्ञ का आयोजन करवा मंदिर में नियमित पूजा पाठ की भी व्यवस्था कर दी।
मंदिर का इतिहास
ढूढाड़ में कछवाहों का आगमन होने के पहले से बाण गंगा नदी पर बने इस मंदिर के पास में मीणा व अन्य जातियों का श्मशान था। आमेर महाराजा पृथ्वीराज 1503 में नाथ संतों की तपस्या स्थली रहे श्मशानेश्वर महादेव मंदिर में कई औघड़ साधुओं ने कठोर तपस्या भी की थी। मंदिर में एक गुफा भी थी। वर्ष 1904 में बने बांध में पानी के साथ आई मिट्टी से गुफा भी बंद हो गई। पुराने लोगों का कहना है कि इस इलाके के लोग बाण गंगा को पवित्र गंगा नदी मानकर अस्थियों का विसर्जन भी करते थे।
एशियाई खेलों का गवाह भी रहा
जयपुर के सबसे लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट के तौर पर पहचान बनाने वाला रामगढ़ बांध भारत में वर्ष 1982 में हुए एशियाई खेलों का गवाह भी रहा है। एशियाई खेलों के वाटर स्पोट्र्स का आयोजन स्थल जयपुर का यह रामगढ़ बांध ही था। खेलों के आयोजन स्थल के तौर पर रामगढ़ बांध ने जयपुर को एशिया में विशेष पहचान दिलाई थी। लेकिन अब इसके हाल देखकर कोई नहीं कह सकता कि कभी यहां इतना बड़ा आयोजन हुआ था। रामगढ़ बांध के साथ-साथ जयपुर के लोगों को भी इसके पुराने दिन लौटने का इंतजार है।

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