इस एक्सीडेंट में कई लोग घायल भी हो गए। 100 की रफ्तार से आई कार ने लाल बत्ती पर खड़े आधा दर्जन वाहनों को रौंद दिया। हादसा इतना भीषण था कि टक्कर के बाद बाइक सवार दोनों भाई तीन कारों के ऊपर से उछल 70 फीट दूर चौराहे पर जा गिरे। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। टक्कर लगने से एक भरा गैस सिलेंडर 20 फीट उछलकर सडक़ पर जा गिरा। गनीमत रही कि विस्फोट नहीं हुआ। वहीं हादसे में सडक़ पर खिलौने बेचने वाली एक गरीब महिला भी घायल हो गई। जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया। खून से लथपथ अपनी मां को देखकर उसकी बेटियां बिलख उठी।
मां लहूलुहान, बेटियां बेसुध
भीषण हादसे में घालय हुई खिलौने बेचने वाली गरीब सुनीता पर किसी का ध्यान नहीं गया। सडक़ पर खिलौने बेचने वाली मूलत: दौसा निवासी सुनीता लहूलुहान हालत में क्षतिग्रस्त वाहनों के बीच बेहोश पड़ी रही। वहां फुटपाथ पर खिलौने बेच रहीं उसकी बेटियां दौडकऱ आईं। मां को लहूलुहान देखकर बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। बाद में खिलौने बेचने वाले अन्य लोगों ने ही उन्हें संभाला।
भीषण हादसे में घालय हुई खिलौने बेचने वाली गरीब सुनीता पर किसी का ध्यान नहीं गया। सडक़ पर खिलौने बेचने वाली मूलत: दौसा निवासी सुनीता लहूलुहान हालत में क्षतिग्रस्त वाहनों के बीच बेहोश पड़ी रही। वहां फुटपाथ पर खिलौने बेच रहीं उसकी बेटियां दौडकऱ आईं। मां को लहूलुहान देखकर बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। बाद में खिलौने बेचने वाले अन्य लोगों ने ही उन्हें संभाला।
ऐसा लगा… जैसे बम फूटा हो
वहीं हादसे में घायल हुए अन्य लोगों ने बताया कि…
– ऐसा लगा, बम फूट गया। सिर में चोट लगने पर अंधेरा छा गया। कुछ समझ में नहीं आया।
धनराज
वहीं हादसे में घायल हुए अन्य लोगों ने बताया कि…
– ऐसा लगा, बम फूट गया। सिर में चोट लगने पर अंधेरा छा गया। कुछ समझ में नहीं आया।
धनराज
– शुक्र है भगवान ने बचा लिया। आंखों के आगे अंधेरा छा गया था। सिलेंडर फटता तो क्या होता।
रतनलाल – सडक़ पार कर रहे थे, तभी धमाके की आवाज के साथ वाहन टकराए। पैर टूट गया।
मि_ा
रतनलाल – सडक़ पार कर रहे थे, तभी धमाके की आवाज के साथ वाहन टकराए। पैर टूट गया।
मि_ा
यह कुरूप चेहरा भी आया सामने
जेडीए चौराहा राजस्थान विश्वविद्यालय से त्रिमूर्ति की तरफ जाने वाली ट्रैफिक बत्ती लाल हो गई थी। वाहन चालक वहां रुक गए। हादसे का शिकार पुनीत और विवेक भी लालबत्ती में रुक गए थे। तभी पीछे से रफ्तार में कार लेकर आए वीरेन्द्र ने टक्कर मार दी। चौराहे पर चीख-पुकार मच गई। लोग उछलकर इधर-उधर जा गिरे। एक स्कूटी सवार युवती भी दूर जा गिरी। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में यह दृश्य कैद हो गया। लेकिन इसके बाद फुटेज में जो नजर आया, उसे देखकर यही लगता है कि भागदौड़ भरी जिंदगी में मानवता कहीं खो रही है। सडक़ पर लहूलुहान पड़े लोगों को देखते हुए चालक उनके नजदीक और बीच में वाहन निकालकर आगे बढ़ते जा रहे थे। इन वाहन चालकों के पास मानो इतना समय भी नहीं था कि सडक़ पर पड़े लोगों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करते।
जेडीए चौराहा राजस्थान विश्वविद्यालय से त्रिमूर्ति की तरफ जाने वाली ट्रैफिक बत्ती लाल हो गई थी। वाहन चालक वहां रुक गए। हादसे का शिकार पुनीत और विवेक भी लालबत्ती में रुक गए थे। तभी पीछे से रफ्तार में कार लेकर आए वीरेन्द्र ने टक्कर मार दी। चौराहे पर चीख-पुकार मच गई। लोग उछलकर इधर-उधर जा गिरे। एक स्कूटी सवार युवती भी दूर जा गिरी। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में यह दृश्य कैद हो गया। लेकिन इसके बाद फुटेज में जो नजर आया, उसे देखकर यही लगता है कि भागदौड़ भरी जिंदगी में मानवता कहीं खो रही है। सडक़ पर लहूलुहान पड़े लोगों को देखते हुए चालक उनके नजदीक और बीच में वाहन निकालकर आगे बढ़ते जा रहे थे। इन वाहन चालकों के पास मानो इतना समय भी नहीं था कि सडक़ पर पड़े लोगों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करते।