भीषण हादसे में घालय हुई खिलौने बेचने वाली गरीब सुनीता पर किसी का ध्यान नहीं गया। सडक़ पर खिलौने बेचने वाली मूलत: दौसा निवासी सुनीता लहूलुहान हालत में क्षतिग्रस्त वाहनों के बीच बेहोश पड़ी रही। वहां फुटपाथ पर खिलौने बेच रहीं उसकी बेटियां दौडकऱ आईं। मां को लहूलुहान देखकर बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। बाद में खिलौने बेचने वाले अन्य लोगों ने ही उन्हें संभाला।
वहीं हादसे में घायल हुए अन्य लोगों ने बताया कि…
– ऐसा लगा, बम फूट गया। सिर में चोट लगने पर अंधेरा छा गया। कुछ समझ में नहीं आया।
धनराज
रतनलाल – सडक़ पार कर रहे थे, तभी धमाके की आवाज के साथ वाहन टकराए। पैर टूट गया।
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जेडीए चौराहा राजस्थान विश्वविद्यालय से त्रिमूर्ति की तरफ जाने वाली ट्रैफिक बत्ती लाल हो गई थी। वाहन चालक वहां रुक गए। हादसे का शिकार पुनीत और विवेक भी लालबत्ती में रुक गए थे। तभी पीछे से रफ्तार में कार लेकर आए वीरेन्द्र ने टक्कर मार दी। चौराहे पर चीख-पुकार मच गई। लोग उछलकर इधर-उधर जा गिरे। एक स्कूटी सवार युवती भी दूर जा गिरी। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में यह दृश्य कैद हो गया। लेकिन इसके बाद फुटेज में जो नजर आया, उसे देखकर यही लगता है कि भागदौड़ भरी जिंदगी में मानवता कहीं खो रही है। सडक़ पर लहूलुहान पड़े लोगों को देखते हुए चालक उनके नजदीक और बीच में वाहन निकालकर आगे बढ़ते जा रहे थे। इन वाहन चालकों के पास मानो इतना समय भी नहीं था कि सडक़ पर पड़े लोगों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करते।