मार्च में निजी खातेदारी की जमीन पर अनुमोदित कॉलोनियों को लेकर बैठक हुई। आयुक्त ने निर्देश दिए कि इन कॉलोनियों की जो 12.5 फीसदी जमीन गिरवी रखी हुई है, उसे बेचकर वहां विकास कार्य कराए जाएं। इसके बाद जोन उपायुक्तों ने नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन इसको अंजाम तक नहीं पहुंचाया गया। बुधवार को बैठक में फिर चर्चा हुई। आयुक्त ने फिर कहा कि इन कॉलोनियों की गिरवी रख विकास कार्य करवाएं। कुछ उपायुक्तों पर उन्होंने नाराजगी भी जाहिर की। चार महीने में उपायुक्तों ने कोई काम नहीं किया। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की बात कहकर बचने का प्रयास किया।