राज्य में करीब छह लाख श्रमिक दूसरे राज्यों के फंसे हुए हैं। अकेले राजधानी में ही दो लाख मजदूरों के होने का अनुमान है। उप्र, मप्र, बिहार और पश्चिम बंगाल के मजदूर सर्वाधिक हैं।
जिला स्तर पर दिया जाएगा जिम्मा
कांग्रेस संगठन के पदाधिकारियों की मानें तो जिला स्तरीय पदाधिकारियों को श्रमिकों के आने जाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। अगले दो दिन में इसकी रूपरेखा तैयार की जाएगी। इसके अलावा प्रदेश स्तर पर एक हेल्पलाइन नम्बर भी पार्टी जारी करेगी। यहां उन लोगों की बात को सुना जाएगा, जिन्होंने अभी तक पंजीयन नहीं कराया है। संगठन महासचिव महेश शर्मा ने बताया कि सभी राज्यों से सूची ली जाएगी और उसके बाद जिला स्तर पर भी काम शुरू करेंगे।