साइबर ठग बैंक खाते किराए पर लेकर उनमें ठगी जमा करवाते हैं। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि कोई भी अपने बैंक खाते किराए पर या लालच में किसी को भी उपलब्ध नहीं करवाएं। साइबर अपराध में लिप्त ऐसे खाताधारक के खिलाफ भी अब कार्रवाई की जाएगी।
बैंक कार्मिकों की आपराधिक जिम्मेदारी तय होगी। डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि कई बैंक कार्मिकों की ओर से जहां ऐसे म्यूल अकाउंट खोले गए, उनकी अपराधिक जिम्मेदारी तय कर विधिक कार्यवाही की गई। लेकिन अब भविष्य में ऐसे बैंक कार्मिकों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ये निर्देश जारी…
सभी एसपी को निर्देश दिए गए हैं कि जिला कलक्टर कार्यालय, थानों के सामने पम्पलेट, होर्डिन्स लगाकर आमजन में सन्देश प्रसारित किया जाए, ताकि लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके। इस कार्यक्रम में पुलिस मित्र महिला सुरक्षा सखी, साइबर वॉलिन्टियर, सीएलजी सदस्य के साथ-साथ जन सहभागिता ली जा सकती है।ठगों को पकड़ने के लिए पुलिस ने भी बदला पैंतरा
राजस्थान पत्रिका टीम ने साइबर ठगी में डीग के मेवात क्षेत्र का नाम हर किसी की जुबां पर आने और ठगों के बीच रहने के बाद भरतपुर रेंज आइजी राहुल प्रकाश से बातचीत की। उन्होंने कहा ठग तकनीक के साथ लोकेशन भी बदल रहे हैं. हमने भी अपने अभियान में बदलाव किया।आइजी राहुल प्रकाश से बातचीत के कुछ अंश
– डीग साइबर ठगी में पहले नंबर पर आ गया, यहां पुलिस कार्रवाई नहीं करती है क्या? जनवरी 2024 में देश में डीग साइबर ठगी में 20% हिस्सेदारी के साथ पहले नंबर पर था। इसके बाद ऑपरेशन एंटी वायरस चलवाया, जिससे यहां के पुलिस का खौफ बढ़ा और सितम्बर में डीग तीसरे स्थान पर पहुंच गया। – पत्रिका टीम को कुछ एक स्थानों पर ही पुलिस मिली, ठगों पर कार्रवाई होती है? साइबर ठग बस्तियों, जंगल और पहाड़ियों में ठगी करते हैं। तकनीकी आधार पर इन ठगों की पुख्ता जानकारी जुटाकर हमारी टीमें दबिश देती हैं। राज्य सरकार ने संसाधन भी बढ़ाए हैं।