जूनियर अधिकारियों की सीनियर पोस्ट पर नियुक्ति से लेकर अन्य फैसलों में महापौर की राय न लेने की वजह से विष्णु लाटा लगातार नाराज हैं। इसको लेकर वे कई बार नोटशीट भी चला चुके हैं। महापौर का कहना है कि कमिश्नर लगातार गलती करते जा रहे हैं। नियमों की चिंता नहीं है। निजी फायदा पहुंचा रहे हैं। वहीं कमिश्नर विजयपाल सिंह से इस बारे में बात करना चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
ऐसे गहराता गया विवाद -एक मार्च को कर निर्धारक मोनिका सोनी ने उपायुक्त स्टोर और राजस्व अधिकारी के तौर पर पदभार ग्रहण किया। -इसके बाद पहले महापौर ने नोटशीट पर लिखा कि बिना मेरी अनुमति के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को कार्य का आवंटन नहीं किया जाए।
-15 मई को विद्युत शाखा के कनिष्ठ अभियंता हिमांशु शर्मा को अधिशाषी अभियंता की जिम्मेदारी कमिश्नर ने सौंप दी। -इसके विरोध में कई पार्षदों ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से मुलाकात कर आपत्ति जताई।
-15 मई को ही महापौर ने नोटशीट लिखी और कार्य वितरण में हो रहे भेदभाव पर कमिश्नर को घेरने का प्रयास किया। इधर, बिना हस्ताक्षर के ऑर्डर वायरल
नगर निगम कार्मिक शाखा के दो ऑर्डर दिन भर वायरल होते रहे। इनमें एक आदेश राजस्व अधिकारी विद्या जैन को आयोजना शाखा प्रथम का कार्य आवंटन और दूसरा आदेश पशु प्रबंधन शाखा के उपायुक्त रामकिशोर मेहता को उपायुक्त स्टोर का है। हालांकि कार्मिक विभाग ने इसकी पुष्टि नहीं की है। अभी तक ये दोनों पद मोनिका सोनी के पास हैं। बीते दिनों इन्हीं पदों को लेकर महापौर और कुछेक चैयरमैनों ने आपत्ति दर्ज कराई थी।