शुल्क की गणना इमारत में फ्लैट के कारपेट एरिया के हिसाब से होगी। नीति में जल कनेक्शन लेने के लिए शुल्क में कुछ रियायत हो इसके लिए इमारतों में रूफटॉप वर्षा जल संचयन प्रणाली, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण एवं पुन: उपयोग प्रणाली व सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट जैसी विधियां विकसित करने पर बिल्डर जल कनेक्शन शुल्क में ५ से २० प्रतिशत तक भी छूट भी ले सकेंगे। जल कनेक्शन के लिए समिति या बिल्डर्स को सम्बन्धित अधीक्षण अभियंता कार्यालय में अनुमोदित मानचित्र के साथ आवेदन करना होगा।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
जयपुर समेत प्रदेश के सभी जिलों में बहुमंजिला इमारतों में रह रहे लाखों लोगों को जल कनेक्शन के लिए नीति बनाने का मुद्दा राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था। पत्रिका ने बीते वर्ष 30 अप्रेल को प्रकाशित समाचार में जल कनेक्शन की नई दरों को लेकर जानकारी दे दी थी।
नई नीति में ये प्रावधान
– नीति पूरे राज्य की सभी नगरपालिका सीमा, सरकार के द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतों में प्रभावी होगी
– 15 मीटर से ऊंची इमारत को बहुमंजिला इमारत माना गया है।
– बहुमंजिला इमारत में अलग-अलग जल कनेक्शन की जगह एक ही कनेक्शन जारी किया जाएगा।
– इमारत में जल कनेक्शन रेरा, नगर निकाय, विकास प्राधिकरण या अन्य सक्षम अधिकारी के अनुमोदन के बाद ही जारी होगा।
– संबंधित अधीक्षण अभियंता के द्वारा जल कनेक्शन फिजिबल होने पर एक मुश्त राशि जमा कराने पर ६० दिन में जारी होगा।
– यदि जल कनेक्शन जारी नहीं किया जाना है तो इसकी सूचना 30 दिन में दे दी जाएगी
– घरेलू पेयजल मांग की गणना 1500 वर्गफीट कारपेट एरिया तक के फ्लैट में 5 व्यक्ति और इससे अधिक में 7 व्यक्ति प्रति फ्लैट के अनुसार होगी।
जल कनेक्शन के लिए बुनियादी ढांचे की हिस्सा राशि एक मुश्त ली जाएगी।
जल कनेक्शन के लिए एकमुश्त शुल्क की २५ प्रतिशत राशि विकासकर्ता के द्वारा कनेक्शन जारी होने के समय कराई जाएगी।
75 प्रतिशत एक मुश्त शुल्क राशि जल उपभोग बिल के साथ ६० समान किश्तों में ९ प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्याज के साथ देनी होगी।
बुनियादी ढांचे की हिस्सा राशि में रूफटॉप वर्षा जल संचयन प्रणाली लगाने पर 5 प्रतिशत, अपशिष्ठ जल पुनर्चक्रण प्रणाली लगाने पर 10 प्रतिशत और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने पर 5 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी।