मौजूदा सरकार ने फेज-2 को लेकर रुचि दिखाई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) ने बजट भाषण में मेट्रो के डीपीआर समीक्षा की घोषणा की थी। हालांकि शहर में फेज-2 का निर्माण कार्य तभी रफ्तार पकड़ेगा, जब केंद्र सरकार से सहयोग मिलेगा।
तीसरी बार डीपीआर हो रही समीक्षा पहली बार 2010 में फेज-2 के लिए डीपीआर बनाई गई। उसमें कलक्ट्रेट और एयरपोर्ट को शामिल नहीं किया गया। 2014 में इसका विस्तार किया गया और कलक्ट्रेट और एयरपोर्ट को भी शामिल किया गया। बाद में इसे सीतापुरा से वीकेआइ तक बढ़ाने पर भी चर्चा हुई थी।
बिना केंद्र के मदद के संभव नहीं
24 जुलाई को विस सत्र के दौरान यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा था कि भारत सरकार के सहयोग से ही यह काम होगा। सरकार ने सहयोग नहीं किया तो इसमें रोड़ा अटकेगा। भारत सरकार ने अभी तक वादा कर रखा है कि हम इसमें बराबर आपको मदद करेंगे। लेकिन अगर उनकी मदद नहीं मिली तो यह काम संभव नहीं हो पाएगा।
24 जुलाई को विस सत्र के दौरान यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा था कि भारत सरकार के सहयोग से ही यह काम होगा। सरकार ने सहयोग नहीं किया तो इसमें रोड़ा अटकेगा। भारत सरकार ने अभी तक वादा कर रखा है कि हम इसमें बराबर आपको मदद करेंगे। लेकिन अगर उनकी मदद नहीं मिली तो यह काम संभव नहीं हो पाएगा।
लाखों लोगों को मिलेगा फायदा टोंक रोड का शहरी इलाका मेट्रो से कवर करने की कोशिश रहेगी। यह मार्ग शहर के व्यस्त मार्गों में से एक है। जयपुर मेट्रो की ओर से कराए गए कॉम्प्रहेंसिव मोबेलिटी स्टडी की रिपोर्ट में टोंक रोड पर प्रतिदिन 4.53 लाख यात्री भार बताया गया था।
डीएमआरटी डीपीआर की समीक्षा कर रही है। पांच महीने में इस रिपोर्ट को तैयार कर सरकार के पास भेज दिया जाएगा। अभी जो रूट पहले से प्रस्तावित है, उस पर ट्रैफिक ट्रांसपोर्ट सर्वे किया जा रहा है।
-राहुल, डीजीएम, जेएमआरसी