जानकारी के अनुसार दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन जयपुर मेट्रो फेज-2 को लेकर नई डीपीआर तैयार कर रही है। नई डीपीआर नवम्बर 2019 में बनकर तैयार हो जाएगी। जयपुर मेट्रो फेज-2 की अब तक 2 डीपीआर बन चुकी हैं। पहली डीपीआर वर्ष 2012 में बनी थी। इसके बाद वर्ष 2013 में राज्य में सरकार बदल गई। तत्कालीन सरकार ने वर्ष 2014 में संशोधित डीपीआर बनवाई थी। वर्ष 2018 में फिर राज्य में सरकार बदल गई और अब राज्य सरकार फिर से डीपीआर बनवा रही है। सरकार का तर्क है कि फेज—2 को ज्यादा व्यवहारिक और यूजर फ्रेंडली बनाने लिए आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। डीएमआरसी अगले महीने तक नई डीपीआर तैयार कर लेगी।
राज्य सरकार ने देश के कई शहरों में पीपीपी मोड पर मेट्रो संचालन के कटु अनुभवों को देखते हुए खुद ही मेट्रो फेज—2 का काम आगे बढ़ाने की योजना बनाई है। जयपुर मेट्रो फेज—2 में 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करेगी, तो 50 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार से ली जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेज रखा है। केन्द्र सरकार की मंजूरी के बाद जयपुर मेट्रो और दिल्ली मेट्रो मिलकर काम करेंगे।
नहीं आया निजी निवेश पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने जयपुर मेट्रो के फेज—2 में निवेश के लिए विदेशी कंपनियों को आमंत्रित किया। सरकार के बुलावे पर चीन, अमेरिका, सिंगापुर, कोरिया और मलेशिया की रेल कंपनियों के प्रतिनिधि जयपुर दौरे पर आए। निवेशक कंपनियों के प्रतिनिधियों ने जयपुर मेट्रो प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन देखा। साथ ही मानसरोवर से चांदपोल तक जयपुर मेट्रो में सफर भी किया। सिंगापुर की कंपनी के प्रतिनिधि तो दो बार जयपुर आए। लेकिन प्रोजेक्ट की 10,300 करोड़ की भारी भरकम लागत को देखते हुए विदेशी कंपनियों ने निवेश से हाथ खींच लिए।
अम्बाबाड़ी से सीतापुरा तक रहेगा रूट! मौजूदा कांग्रेस सरकार मेट्रो फेज—2 के पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय तय किए गए रूट पर रेल चलाएगी। जेएमआरसी ने कुछ अर्सा पहले ही एजिस रेल कंपनी से सर्वे रिपोर्ट तैयार करवाई है। एजिस रेल ने मेट्रो फेज—2 रूट की लम्बाई 23.8 किमी से ज्यादा करने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट में मेट्रो का रूट सीतापुरा से आगे वाटिका मोड़ तक करने का सुझाव दिया गया। जयपुर मेट्रो के लिए टोंक रोड पर ज्यादा यात्रीभार को देखते हुए इसका मुख्य रूट टोंक रोड पर ही करने का प्रस्ताव दिया है। साथ ही जेएलएन रोड पर एयरपोर्ट को देखते हुए टोंक रोड से जेएलएन रोड पर बीआरटीएस की तर्ज पर मेट्रो का अलग से रूट बनाने का प्रपोजल दिया है। जेएलएन रोड पर अलग से रूट बनाने पर मेट्रो का अंडरग्राउंड स्टेशन स्टेट हैंगर की पार्किंग वाली जगह पर बनेगा। मेट्रो फेज—2 प्रोजेक्ट की लागत कम करने और इसे उपयोगी बनाने के तौर तरीके ढूंढ़ने में जुटी फ्रेंच कंपनी एजिस रेल ने इस बारे में सुझाव दिए हैं।
डीपीआर में अब तक ये हुए बदलाव
मेट्रो फेज—2 डीपीआर 2012 अनुमानित लागत — 6,583 करोड़
लम्बाई — 23.099 किमी
अंडरग्राउंड हिस्सा — 5.095 किमी
एलिवेटेड हिस्सा — 18.04 किमी
कुल स्टेशन — 20
अंडरग्राउंड स्टेशन — 05
एलिवेटेड स्टेशन — 15
मेट्रो फेज—2 की संशोधित डीपीआर 2014
अनुमानित लागत — 10,300 करोड़
लम्बाई — 23.8 किमी
एलिवेटेड हिस्सा — 13.808 किमी
अंडरग्राउंड हिस्सा — 9.963 किमी
कुल स्टेशन — 20
अंडरग्राउंड स्टेशन — 07
एलिवेटेड स्टेशन — 13