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जयपुर

मेट्रो के काम की गति ऐसी कि कछुए को भी शर्म आ जाए , यही हाल द्रव्यवती नदी का भी

शहर के दो बड़े प्रोजक्ट, जो इस महीने होने थे पूरे
 

जयपुरOct 23, 2019 / 01:26 pm

Ashwani Kumar

मेट्रो के काम की गति ऐसी कि कछुए को भी शर्म आ जाए , यही हाल द्रव्यवती नदी का भी

मेट्रो के काम की गति ऐसी कि कछुए को भी शर्म आ जाए , यही हाल द्रव्यवती नदी का भी

जयपुर। शहर के दो बड़े प्रोजक्ट जिनसे रोज हजारों लोग लाभान्वित होंगे, वे लेटलतीफी के चलते पूरा होने का काम नहीं ले रहे हैं। परकोटा में मेट्रो फेज-1बी का काम पूरा होने का नाम नहीं ले रहा है। जबकि परकोटा में मेट्रो प्रोजक्ट का काम शुरू होने के बाद यह पांचवी दिवाली है। व्यापारियों का कहना है कि लगातार देरी की वजह से व्यापार प्रभावित हो रहा है और शहरवासियों को भी राहत नहीं मिल पा रही है। कुछ ऐसा ही हाल द्रव्यवती नदी का भी है। दोनों ही प्रोजक्ट अक्टूबर में पूरे होने थे, लेकिन अब तक दोनों ही महत्वाकांक्षी प्रोजक्ट अधूरे हैं।
द्रव्यवती नदी: पैसा अटका, जेडीए ने फिर समय बढ़ाया
शहरवासियों को नदी किनारे का अहसास करवाने के पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने अमानीशाह नाले की सुध ली और इसको संवारने का काम शुरू कराया। जेडीए ने शुरुआत में तो काम तेजी से कराया। अक्टूबर, 2018 में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 47 किमी में से 16 किमी के हिस्से का उद्घाटन भी कर दिया, लेकिन इसके बाद काम की गति धीमी पड़ गई।
नई सरकार, नई टाइमलाइन: कांग्रेस सरकार बनने के बाद नदी के सौंदर्यीकरण का काम धीमा हुआ। हालांकि सरकार कहती रही कि काम पूरा होगा। अक्टूबर में यह काम पूरा होना था, लेकिन ठेकेदारों को पैसा न मिलने से काम तक बंद कर दिया गया।
आगे क्या: शहर के अंदर के हिस्से का सौंदर्यीकरण हो चुका है, लेकिन बाहरी इलाके की स्थिति ठीक नहीं है। छह महीने और जेडीए ने बढ़ा दिए हैं।

खास-खास
कुल लागत: 1470 करोड़ रुपए
निर्माण की स्थिति: 93 फीसदी से अधिक काम होने का दावा

मेट्रो-फेज-1बी: निर्माण पूरे होने में दो महीने और लगेंगे
परकोटा में भीड़ को कम करने के साथ-साथ हैरिटेज में आधुनिकता को जोडऩे के लिए जयपुर मेट्रो फेज-1बी की शुरुआत 2014 में अंत में हुई थी। इसको पूरा करने के लिए मार्च, 2018 का समय था, लेकिन देरी पर देरी होती चली गई।
नई सरकार, नई टाइमलाइन: राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यूडीएच मंत्री
शांति धारीवाल ने भूमिगत मेट्रो ट्रैक का दौरा किया और अक्टूबर तक काम पूरा करने के लिए कहा था, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हो पाया है।
आगे क्या: जितनी निर्माण कार्य में देरी होगी, उतना ही मेट्रो का संचालन आगे बढ़ेगा। मेट्रो ट्रेन के अधिकारी मानते हैं कि सेफ्टी कमिश्रर दो से तीन माह का ट्रायल करते हैं और उसके बाद ट्रेन में यात्री चलते हैं।

खास-खास
कुल लागत: 1126 करोड़ रुपए
निर्माण की स्थिति: 95 फीसदी से अधिक काम पूरा होने का दावा

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