जेडीए जेएलएन मार्ग पर ड्रेनेज सिस्टम को ठीक करने के लिए करीब 90 लाख रुपए खर्च कर रहा है। इसके तहत त्रिमूर्ति सर्किल से अल्बर्ट हॉल तक आरसीसी ड्रेनेज बनाया जा रहा है। जेडीए ने इसका काम शुरू कर दिया, लेकिन अफसरों की अनदेखी के चलते वहां सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए गए है। ड्रेनेज को तोड़कर खुला छोड रखा है। सुरक्षा को लेकर यहां किसी तरह की कोई बेरिकेडिंग नहीं की गई है। खाश बात यह है कि जहां से ड्रेनेज को खुला छोड रखा है, वहां सामने ही बच्चें का सबसे बड़ा अस्पताल जेकेलोन है, ऐसे में कोई बड़ी दुर्घटना होने का अंदेशा बना हुआ है। जानकारों की मानें तो ऐसी जगह पर जेडीए की लापरवाही अफसरों की अनदेखी को बयां कर रही है।
बेरिकेडिंग या डेंजर पट्टी लगानी चाहिए
जानकारों की मानें तो जेएलएन मार्ग पर रोजाना हजारों की संख्या में वाहन गुजरते है, मुख्य मार्ग होने से दिन—रात वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। ऐसे में ड्रेनेज काम के दौरान जेडीए को पहले बेरिकेडिंग करनी चाहिए, इसके साथ ही वहां डेंजर पट्टी लगानी चाहिए। वहीं ड्रेनेज को उतना ही तोड़े, जितना काम हो जाए, लंबे समय तक मुख्य मार्ग पर ड्रेनेज को खुला छोड़ना हादसे को न्योता देना है।
जानकारों की मानें तो जेएलएन मार्ग पर रोजाना हजारों की संख्या में वाहन गुजरते है, मुख्य मार्ग होने से दिन—रात वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। ऐसे में ड्रेनेज काम के दौरान जेडीए को पहले बेरिकेडिंग करनी चाहिए, इसके साथ ही वहां डेंजर पट्टी लगानी चाहिए। वहीं ड्रेनेज को उतना ही तोड़े, जितना काम हो जाए, लंबे समय तक मुख्य मार्ग पर ड्रेनेज को खुला छोड़ना हादसे को न्योता देना है।
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जेडीए जेएलएन मार्ग पर वर्षों पुराने नाले की जगह नया ड्रेनेज बना रहा है। इसके लिए सड़क के दोनों ओर आरसीसी का ड्रेनेज तैयार किया जा रहा है। प्रथम चरण में अल्बर्ट हॉल से त्रिमूर्ति सर्किल तक आरसीसी का ड्रेनेज तैयार होगा। यहां प्रयोग सफल रहा तो दूसरे चरण में आगे का काम होगा। प्रथम चरण में सड़क के दोनों ओर ड्रेनेज के लिए आरसीसी की दीवार बनाकर उसे आरसीसी से ही कवर किया जाएगा।
जेडीए जेएलएन मार्ग पर वर्षों पुराने नाले की जगह नया ड्रेनेज बना रहा है। इसके लिए सड़क के दोनों ओर आरसीसी का ड्रेनेज तैयार किया जा रहा है। प्रथम चरण में अल्बर्ट हॉल से त्रिमूर्ति सर्किल तक आरसीसी का ड्रेनेज तैयार होगा। यहां प्रयोग सफल रहा तो दूसरे चरण में आगे का काम होगा। प्रथम चरण में सड़क के दोनों ओर ड्रेनेज के लिए आरसीसी की दीवार बनाकर उसे आरसीसी से ही कवर किया जाएगा।