इसे भाजपा सरकार द्वारा शहरी सरकार में बड़े बदलाव की तरफ बढ़ाए गए पहले कदम की तरह देखा जा रहा है। निगम में अभी कांग्रेस का बोर्ड है। 13 माह के कार्यकाल में गुर्जर तीसरी बार निलंबित की गई है। इस बीच विभाग ने कार्यवाहक महापौर के लिए फाइल मंत्री झाबर सिंह खर्रा के पास भेज दी है।
उधर, कांग्रेस पार्षदों का एक धड़ा फिर से भाजपा के संपर्क में आ गया। सूत्रों के मुताबिक ऐसे दस पार्षद भाजपा को समर्थन दे सकते हैं। ऐसा हुआ तो कांग्रेस बोर्ड को हटाकर भाजपा बोर्ड बन सकता है। गौरतलब है कि
मुनेश गुर्जर ने एसीबी की चार्जशीट को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। अगली सुनवाई नवम्बर में है।
तीसरी बार निलंबन
तीसरा मौका है, जब मुनेश गुर्जर को निलंबित किया गया है। इससे पहले पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 5 अगस्त 2023 और फिर 26 सितंबर, 2023 को निलंबित किया था। हालांकि दोनों बार गुर्जर ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहां से उनको राहत मिली और वापिस महापौर की कुर्सी पर बैठी।
मंत्री के तीसरे बयान के बाद आदेश
मुनेश गुर्जर के निलंबन को लेकर मंत्री झाबर सिहं खर्रा तीन बार बयान दिए, लेकिन दो बार तो उसका असर ही देखने को नहीं मिला। 10 सितम्बर को तो उन्होंने चौबीस घंटे में खुशखबरी मिलने का बयान दे दिया था, लेकिन हुआ कुछ नहीं। 22 सितम्बर को सूरजगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में बोले थे की- ‘मुनेश की खबर कल मिल जाएगी’ और निलंबन हो गया।