नगरीय विकास विभाग के लिए गठित मंत्रिमंडलीय एम्पावर्ड कमेटी की 31 जुलाई को हुई बैठक में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट योजना को निरस्त करने और इसके लिए जमीन अवाप्त नहीं करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद मंगलवार को नगरीय विकास विभाग ने ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट योजना को निरस्त करने और जमीन अवाप्त नहीं करने के आदेश जारी कर दिए है। प्रदेश में पिछले 15 सालों के दौरान एयरपोर्ट के लिए प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। अब जो पिछले सालों से यहां जमीन की खरीद—फरोख्त रुकी हुई थी, वह हो सकेगी।
जेडीए को बनाया था नोडल एजेंसी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट से जुड़ी प्रक्रिया के लिए जेडीए को बतौर नोडल एजेंसी के रूप में जिम्मेदारी दी गई थी। इसमें आने वाली परेशानी को दूर करने के लिए नगरीय विकास विभाग को काम करना था। अवाप्ति का प्रस्ताव जेडीए की तरफ से गया, ऐसे में अवाप्ति का मुआवजा राशि भी जेडीए को ही जमा कराने थे, लेकिन 6 हजार करोड़ रुपए जेडीए के लिए संभव नहीं था। इसके बाद यह मामला मुख्य सचिव तक पहुंचा था।