कोर्ट के फैसले के बाद सौम्या गुर्जर ने कहा कि न्यायपालिका पर भरोसा था, भरोसा है और आगे भी रहेगा। हमारा संघर्ष जारी रहेगा। जीत सत्य की ही होगी। फैसला आते ही भाजपाई हो गए गायब
सुबह से जो नेता चुनाव प्रक्रिया में रुचि दिखा रहे थे, वे कोर्ट के फैसले के बाद निगम मुख्यालय से चले गए। कई नेताओं ने कोर्ट की प्रक्रिया समझ में ही नहीं आई। दरअसल, भाजपा नेताओं का एक बड़ा धड़ा सौम्या गुर्जर को पहले भी महापौर बनाने के पक्ष में नहीं था और ये नेता मानकर चल रहे थे कि अब सौम्या की एंट्री निगम में नहीं होगी।
देर हो सकती है, अंधेर नहीं
उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय से साफ हो गया है कि देर हो सकती है, अंधेर नहीं। राज्य सरकार ने नौकरशाही का बेजा इस्तेमाल करते हुए चुने हुए जनप्रतिनिधि तत्कालीन मेयर सौम्या गुर्जर जी को अपदस्थ करने के साथ ही 6 साल के लिए चुनाव लडऩे से अयोग्य घोषित करने की साजिश रची थी। कोर्ट के फैसले से राज्य सरकार की न्यायिक जांच भी संदेह के घेरे में आ गई है। न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक और स्वागत योग्य है।