चार दिन में 300 पहुंचे
चिकित्सकों के अनुसार एसएमएस अस्पताल की इमरजेंसी, चरक भवन व ट्रोमा सेंटर में पटाखों से झुलसकर चार दिन में 300 से ज्यादा लोग पहुंचे थे। उनमें से कई मरीजों की आंख में बारूद जाने से दिखना बंद हो गया था। इनमें सर्वाधिक बच्चे शामिल हैं। ज्यादातर मरीजों की आंख के पास चिंगारी या पटाखे का टुकड़ा लगने से आंख चोटिल हो गई। कुछ बच्चों की आंख से खून आने से भी परेशानी बढ़ गई। कई मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। इसके अलावा गंभीर रूप से घायल 9 बच्चे की सर्जरी करनी पड़ी थी। इनमें 8 बच्चों की एक-एक आंख की रोशनी चली गई जबकि एक बच्चे की दोनों आंख की रोशनी चली गई।
इधर, 50 मरीज पहुंचे
बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग में भी 50 से ज्यादा लोग पटाखों से झुलसकर पहुंचे। इसमें ज्यादातर को ड्रेसिंग के बाद घर भेज दिया गया। इन मरीजों के चेहरे, हाथ, पैर व अन्य अंग पटाखों से झुलस गए थे। एक मरीज को गंभीर हालत में भर्ती किया गया है।