सीएफओ ग्रेटर गौतम लाल ने बताया कि सुबह करीब 6.30 बजे पुलिस कंट्रोल रूम से आग लगने की सूचना मिली। इसके बाद वीकेआई फायर स्टेशन से पांच गाड़ियां, बनीपार्क और बिंदायका से दो-दो गाड़ियां और घाटगेट से तीन गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। दमकलकर्मियों ने दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सुबह 8.30 तक आग पर काफी हद तक काबू पा लिया। हालांकि, कुछ स्थानों पर काफी देर तक धुआं उठता रहा, जिसे पूरी से काबू करने में काफी समय लगा।
आग की घटना के दौरान एक बड़ा हादसा होने से बच गया। दोनों फैक्ट्रियों के पास थिनर का गोदाम स्थित था, जिसमें आग फैलने का खतरा था। फायर ब्रिगेड की टीम ने तुरंत वहां पानी और फोम का छिड़काव शुरू किया, जिससे थिनर गोदाम सुरक्षित रहा। टीम ने ऐहतियात के तौर पर इलाके की बिजली सप्लाई भी बंद करवा दी और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गत्ते की फैक्ट्री में आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। वहां से आग ने पास की पानी की टंकी बनाने वाली फैक्ट्री को अपनी चपेट में ले लिया। पानी की टंकियों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक सामग्री आग को और भड़काने का कारण बना। दमकलकर्मियों की तत्परता और कुशल प्रबंधन से आग को फैलने से रोक लिया गया। घटना में हालांकि दोनों फैक्ट्रियों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन बड़ा हादसा टल गया। पुलिस और फायर विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है।