इस घटना पर राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबर के बाद गृह मंत्रालय और राज्य के गृह विभाग ने मामले की जानकारी मांगी। इसके बाद एफएसएल निदेशक ने खबर को भ्रामक बताया, लेकिन पत्रिका ने एफएसएल के कुछ वैज्ञानिकों से रिपोर्ट के संबंध में बात की तो उन्होंने रिपोर्ट को सही ठहराया।
वैज्ञानिकों ने कहा कि निदेशक ने रिपोर्ट पढ़ी ही नहीं होगी। रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि, निरीक्षण के समय टैंकर के तीन वॉल्व से गैस लीक हो रही थी। मौके पर मौजूद दो वैज्ञानिकों ने दमकलकर्मियों को टैंकर पर पानी डालने को कहा था ताकि गैस का रिसाव आग में तब्दील न हो।
वैज्ञानिकों ने एफएसएल पहुंचने पर भी इस बात की पुष्टि की। मामला मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा होने पर एफएसएल निदेशक मामले को हल्के में ले रहे हैं।
मध्यप्रदेश के एफएसएल अधिकारी ने यह बताया
मध्यप्रदेश के एक एफएसएल अधिकारी ने कहा कि जयपुर में घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद वैज्ञानिकों ने जो रिपोर्ट में लिखा, उससे यही साबित होता है कि मौके पर जांच करते समय भी टैंकर से गैस का रिसाव हो रहा था। यह भी पढ़ें
भांकरोटा अग्निकांड में जोखिम में थी CM भजनलाल की जान! FSL की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा; जानें कैसे
विशेषज्ञ बोले, रिपोर्ट में लिखा तो सही है
एफएसएल की रिपोर्ट में तीन वॉल्व में छेद मिले, जिनमें से निरीक्षण के वक्त गैस का लीकेज पाया गया, यह लिखा है तो स्पष्ट है कि गैस लीक हो रही थी। टैंकर में लगी आग को पानी डालकर बुझाया गया। टैंकर फटा नहीं था, इसलिए उसमें गैस रह गई होगी, जो बाद में क्षतिग्रस्त नोजल से बाहर निकल रही होगी।-डॉ. पी.एस. मनोचा, पूर्व अतिरिक्त निदेशक, एफएसएल राजस्थान
मौके पर पहुंचने वाले वैज्ञानिक ही सही स्थिति बता सकते हैं। रिपोर्ट में बताया है कि दमकलकर्मियों ने टैंकर में लगी आग पर काबू पा लिया। निरीक्षण में पाया गया कि टैंकर के तीन वॉल्व में से गैस का लीकेज हो रहा है।
-डॉ. आर.एस. शर्मा, पूर्व अतिरिक्त निदेशक, एफएसएल राजस्थान
-डॉ. आर.एस. शर्मा, पूर्व अतिरिक्त निदेशक, एफएसएल राजस्थान
Hindi News / Jaipur / CM के पहुंचने पर भी हो रहा था गैस रिसाव, वैज्ञानिक बोले- पत्रिका में छपी रिपोर्ट सही; निदेशक ने पढ़ी ही नहीं