बता दें, इस हादसे का सबसे भयावह मंजर वह है, जिस ट्रक की टक्कर से टैंकर में आग लगी थी, उस ट्रक के खाक हो चुके ड्राइवर के अवशेष को पोटली में बांधकर अस्पताल पहुंचाया गया। ड्राइवर के अवशेष सिर्फ इतने बच्चे थे कि वह एक चादर में बंद करके एंबुलेंस में रखे गए।
दरअसल, भांकरोटा का अग्निकांड जानकारी के मुताबिक सुबह 5:45 बजे के आसपास हुआ। घटनास्थल पर मौजूद करीब 40 गाड़ियां जिसमें कार, बस, ट्रक, बाइक, पिकअप सब कुछ धूं-धूं कर जल गए। इसके बाद बड़ी संख्या में दमकल की गाड़ियों ने और दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया।
CCTV फुटेज में सामने आई वजह
घटनास्थल से सामने आए CCTV फुटेज में देखा जा रहा है कि भांकरोटा में DPS स्कूल के सामने LPG से भरा टैंकर टैंकर यू-टर्न ले रहा था, यह टैंकर अजमेर की तरफ से जयपुर आ रहा था। इस दौरान जयपुर की ओर से आ रहे ट्रक ने गैस के टैंकर के नोजल में टक्कर मार दी, फिर नोजल से करीब 18 टन गैस हवा में फैल गई और 200 मीटर का एरिया गैस का चैंबर बन गया। टक्कर के बाद आग और धुंए का बादल छा गया। इसके कुछ सेकेंड बाद ही टैंकर में जोरदार धमाका हुआ और आसपास के गाड़ियों में आग फैल गई। जानकारी के अनुसार ये हादसा सुबह करीब 5.44 मिनट पर दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने से हुआ है। इस हादसे के बाद ही पूरा इलाका आग का गोला बन गया। 40 से ज्यादा गाड़ियां आग की चपेट में आ गईं। बता दें, हादसा इतना भयावह था कि कई से लोगों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। टैंकर के पीछे चल रही एक स्लीपर बस और हाईवे किनारे मौजूद पाइप फैक्ट्री भी जल गई।
6 मरीज अभी वेंटिलेटर पर
वहीं, SMS अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर सुशील भाटी ने बताया कि पहले दो-तीन मरीज आए थे, इसके बाद अचानक बहुत सारे मरीज लाए गए। इनमें 4 की पहले ही मौत हो चुकी थी। अभी की स्थिति में हमारे पास 42 मरीज पहंच चुके है, कुल 11 डेथ हो चुकी है, भर्ती मरीजों में 10 से 12 मरीज ऐसे हैं, जो 60 फीसदी से ज्यादा जले हैं। 6 मरीज अभी वेंटिलेटर पर हैं। वहीं, एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ दीपक माहेश्वरी ने बताया कि अब तक 11 की मौत हो चुकी है। इनमें से एक की मौत जयपुरिया अस्पताल में हुई है। उन्होंने बताया कि 41 लोगों को अस्पताल लाया गया था। जिनमें से 15 मरीज पचास फीसदी से ज्यादा झुलसे हुए है। वहीं, 28 मरीजों का अभी अस्पताल में उपचार जारी है।
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