दर्दनाक हादसे में झुलसे मरीज आज भी पूरी तरह से सही नहीं हो सके है। आज भी दस से ज्यादा मरीजों की हालत नाजूक है। 20 मरीज दम तोड़ चुके है। अन्य 24 झुलसे घायल अभी भी पूरी तरह सही नहीं हो सके है। अभी भी दवाईयां व इलाज ले रहे है। झुलसे मरीजों का स्किन ट्रांस्प्लांट किया जा रहा है। यह मरीज और इनके परिजन परेशान है। दर्दनाक हादसे के बाद इनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई है।
बता दें कि 20 दिसंबर को को सुबह गैस टैंकर की ट्रक से भिड़ंत हुई। भिड़ंत इतनी तेज थी कि गैस टैंकर के तीनों नोजल टूट गए। अचानक हुई इस टक्कर से गाड़ियां आपस में टकरा कर रुक गईं। जैसे ही लोगों को गैस फैलने का आभास हुआ, सभी अपनी गाड़ियों को स्टार्ट कर फटाफट वहां से निकलने की कोशिश करने लगे। इस बीच गाड़ियों के टकराने, इग्निशन के स्पार्क या सड़क पर गाड़ियों के रगड़ से पैदा हुई चिंगारी से आसपास जमीन से 4 से 5 फुट की ऊंचाई पर हवा में तैर रही गैस में आग लग गयी। जितनी दूरी तक एलपीजी गैस फैली थी, वहां तक पलक झपकते ही आग की लपटें पहुंच गई। गैस के विस्फोट के दायरे में जो कोई भी आया वह बुरी तरह झुलस गया।