जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक अजीत कुमार सक्सैना ने बताया कि कृषि क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता में वृद्धि और राजस्व हानि को रोकने के लिए डिस्काॅम की ओर से स्वैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना लागू की गई है। योजना के तहत कृषि कनेक्शन के अनाधिकृत बढे हुए भार को बिना किसी पेनल्टी के मात्र 30 रुपए प्रति एचपी प्रति माह की दर से 2 माह के लिए धरोहर राशि जमा करवाकर नियमित कर दिया जाएगा। योजना 31 मार्च तक प्रभावी रहेगी। कृषि उपभोक्ताओं को फसल की सिंचाई के लिए निर्धारित ब्लॅाक के अनुसार पूरी और अच्छी गुणवत्ता की बिजली आपूर्ति के लिए यह योजना लागू की गई है।
किसानों को यह फायदा
किसानों को फसल की सिंचाई के लिए पूरी बिजली मिलने के साथ ही फसल को पानी देते समय ट्रांसफॅार्मर जलने की समस्या से निजात मिलेगी। दूसरी ओर अनाधिकृत बढे हुए विद्युत भार के नियमित होने से डिस्काॅम की ओर से उचित क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाकर किसानों को बिना
व्यवधान के बिजली आपूर्ति में मदद मिलेगी। योजना का लाभ उठाने वाले कृषि उपभोक्ताओं के
लिए आवश्यक होने पर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि व नयी 11 केवी लाईन और सब-स्टेशन का खर्चा डिस्काॅम की ओर से वहन किया जाएगा।
योजना के प्रावधान
— यह योजना 31 दिसम्बर, 2022 तक जारी कृषि कनेक्षनों पर लागू होगी।
— ऐसे किसान जो उसी कुएं या उसी खसरा नंबर पर दूसरी मोटर लगाकर भार वृद्धि करते हैं, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि पहले से दो मोटर स्वीकृत हो तो उसे योजना का लाभ मिलेगा।
— दो वर्ष पहले कटे हुए कृषि कनेक्शनों को यदि उपभोक्ता भार वृद्धि के साथ जुडवाना चाहता है तो वह भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
वीसीआर के मामलों में फायदा
प्रबन्ध निदेशक अजीत कुमार सक्सैना ने बताया कि स्वैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना लागू होने के दौरान यदि किसी कृषि उपभोक्ता के बढे हुए भार की वीसीआर भरी जा चुकी है तो वह भी इस योजना के प्रावधानों के अनुसार नियमित कर दी जाएगी।
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विशेष जांच अभियान होगा शुरू
प्रबन्ध निदेशक अजीत कुमार सक्सैना ने बताया कि योजना की समाप्ति 31 मार्च, 2023 के बाद भार सत्यापन के लिए विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान स्वीकृत भार से अधिक भार पाए जाने पर बढ़े हुए भार पर कृषि नीति के अनुसार राशि वसूल की जाएगी।