तहसील में हर महीने इन कामों के लिए करीब 25 हजार लोग चक्कर लगा रहे हैं। सुविधा मिलने के बाद सभी को इसका फायदा मिलेगा। वहीं कलक्ट्रेट में आवाजाही कम होगी। राजस्व विभाग ने 2013 में डिजिटल इंडिया के तहत जिले में भूमि खातेदार का सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन करने की योजना शुरू की थी। पांच साल तक यह योजना धीमी गति से चली। अभी तक जिले की सिर्फ चौमूं तहसील ही ऑनलाइन हो पाई है।
ऐसे मिलेगा लोगों को फायदा
-लोगों को तहसील का 50 साल पुराना रिकॉर्ड ऑनलाइन ही मिल जाएगा -डिजिटलाइजेशन से नक्शे को कहीं से भी देखा और हासिल किया जा सकेगा। -एप को लैंड रिकॉर्ड के डाटा से जोड़ा जाएगा। इससे भूमि विवाद भी घटेंगे।
-नक्शे से भूमि की प्रकृति, सिवायचक भूमि, मंदिर, कुआं, रेल लाइन, विद्युत लाइन आदि को पहचाना जा सकेगा। -रजिस्ट्री से भी रिकॉर्ड को जोड़ा जाएगा। इससे ऑटोमेटिक जमाबंदी अपडेट होगी। -रजिस्ट्री होते ही क्रेता-विक्रेता का नाम दर्ज हो जाएगा।
-नक्शे के प्लॉट पर क्लिक करते ही उस नंबर के खसरा मालिक का आएगा -किसानों को कृषि भूमि पर ऋण भी आसानी से मिलेगा। ऐसे मिलेगी जानकारी -इसके लिए मोबाइल पर धरा एप इंस्टॉल करना होगा।
-एप को खोलने के बाद जानकारी चाहिए, उसको क्लिक करनी होगी। -इसके बाद जिले, तहसील व गांव का नाम पर क्लिक कर जानकारी मिलेगी। काम हुआ पूरा
तहसील को ऑनलाइन करने का काम पूरा हो चुका है। 10 दिन में लोगों के लिए यह सुविधा दे दी जाएगी। लोगों का तहसील में चक्कर लगना कम हो जाएंगे, साथ ही काम में पारदर्शिता आएगी।
अस्मिता सिंह, तहसीलदार जयपुर