विद्यार्थियों को अब नई सरकार से उम्मीदः सत्र 2019 से लेकर 2023 तक के विद्यार्थी को लैपटॉप और टेबलेट का इंतजार
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। राज्य सरकार की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका के अनुसार हाईकोर्ट ने जयपुर बम विस्फोट मामले के आरोपियों में से एक को 2008 में घटना के दिन किशोर माना। हाईकोर्ट ने इस साल मार्च में एक आरोपी को बालिग मानने के सेशन जज के आदेश को भी रद्द कर दिया था और आरोपी को किशोर घोषित करने के किशोर न्याय बोर्ड के फैसले की पुष्टि की। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि जिसे नाबालिग माना गया, वह दस्तावेजों के अनुसार घटना के दिन बालिग था। सरकारी पक्ष ने कहा कि आयु से संबंधित सरकार की ओर से पेश साक्ष्यों पर हाईकोर्ट ने विचार नहीं किया।
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यह था मामला
13 मई 2008 को जयपुर में सिलसिलेवार कई विस्फोट हुए, जिनमें 71 लोगों की मौत हो गई और 185 लोग घायल हो गए। इस मामले में आरोपियों को दोषमुक्त करने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार और पीड़ितों की ओर से दायर की गई अपीलें सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं।