जयपुर

जयपुर बम ब्लास्ट: आरोपी किशोर की रिहाई के रास्ते पर रोक

न्यायालय ने कहा-18 वर्ष से कम उम्र में आतंकवादी संगठनों से जुड़ाव का आरोप, बाहर आने पर जान का खतरा

जयपुरJun 11, 2023 / 09:04 pm

Devendra

court

जयपुर। जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपी विधि से संघर्षरत किशोर की जमानत खारिज होने के निणर्य के खिलाफ की गई याचिका को न्यायालय सेशन न्यायाधीश जयपुर-महानगर प्रथम ने खारिज कर दिया है। न्यायाधीश नंदिनी व्यास ने कहा है कि यह किशोर 18 वर्ष से कम उम्र में ही आतंकवादी संगठनों से प्रभावित होते हुए सीरियल ब्लास्ट जैसी गतिविधि के लिए प्रेरित हुआ है। उसे निर्मुक्त किया जाता है तो आतंकवादी संगठनों द्वारा उसके जीवन पर संकट उत्पन्न किए जाने की संभावना है। उसके नैतिक, शारीरिक या मनोवैज्ञानिक रूप से भी खतरे में पडऩे की संभावना को इनकार नहीं किया जा सकता।

जमानत अस्वीकार होने पर पेश की थी याचिका
किशोर की जमानत याचिका को किशोर न्याय बोर्ड क्रम-1 जयपुर महानगर प्रथम ने खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ न्यायालय सेशन न्यााधीश के यहां अपील पेश की गई। खास बात यह रही कि इस मामले में सरकार की ओर से पैरवी करने के लिए विशेष लोक अभियोजक राजेश महर्षि पहुंचे।

विशेष न्यायालय ने माना था वयस्क
विधि से संघर्षरत किशोर को विशेष न्यायालय बम बलास्ट कैसेज ने वयस्क मानते हुए आजीवन कारावास व मृत्युदंड की सजा से दंडित किया था। उच्च न्यायालय में हाल ही पारित निर्णय के अनुसार उक्त प्रकरण में सभी अभियुक्तों को दोषमुक्त किया जा चुका है। जिसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लंबित है। किशोर को वर्ष 2019 में वयस्क मानकर गिरफ्तार किया गया था।
आरोपी के अधिवक्ता का तर्क-किशोर को तीन वर्ष तक का ही दंड
आरोपी किशोर के अधिवक्ता ने न्यायालय में तर्क रखा कि किशोर 25 दिसंबर 2019 से इस मामले में निरूद्ध है। ऐसे में वह साढ़े तीन वर्ष की अवधि अभिरक्षा में बिता चुका है। जबकि बोर्ड को तीन वर्ष से अधिक दंड से दंडित करने का अधिकार नहीं है। किशोर न्याय अधिनियम के तहत जमानत का लाभ दिए जाने के लिए अपराध की गंभीरता देखे जाने की आवश्यकता नहीं है।

न्यायालय ने कहा-गंभीर प्रकृति का अपराध
न्यायालय ने इस मामले में यह भी कहा है कि किशोर पर अत्यंत जघन्य प्रकृति के आतंकवादी आतंकवादी गतिविधियों एवं देशद्रोह से संबंधित समाज व मानव जीवन को गंभीर रूप से संकट उत्पन्न करने वाले अपराध का आरोप है। वर्तमान में किशोर की आयु लगभग 30 वर्ष है, लेकिन घटना के दौरान उसकी आयु 18 वर्ष से कम रही। परिवीक्षा अधिकारी राजकीय संप्रेक्षण एवं किशोर गृह की ओर से पेश रिपोर्ट में किशोर का जुड़ाव इंडियन मुजाहिदीन से होना बताया है। आतंकवादी संगठन की ओर से उसे अपने प्रभाव में लेकर कट्टरपंथी करना बताया गया है। साथ ही उसे साम्प्रदायिक सौहार्द व शांति भंग के लिए आतंकवादी संगठनों द्वारा प्रेरित किए जाने का भी तथ्य प्रकट किया गया है। 13 मई 2008 को 18 वर्ष से कम उम्र में ही किशोर ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन से संबंध रखते हुए साम्प्रदायिक सौहार्द व शांति भंग के उद्देश्य से आतंकवादी व देशद्रोही गतिविधयों को संपादित करने का आरोप रहा है।

Hindi News / Jaipur / जयपुर बम ब्लास्ट: आरोपी किशोर की रिहाई के रास्ते पर रोक

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.